देवसर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत होने के बाद धरातल पर क्यों नहीं नजर आते अधिकांश विकाश कार्य ?,सिंगरौली से कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो अनुराग द्विवेदी की रिपोर्ट

लेट लतीफी का जिम्मेदार कौन स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासन या फिर पार्टी शीर्ष नेतृत्व

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आरओबी ,वरगवां तहसील, सीएम राइज स्कूल सहित कई बड़े कार्य धरातल पर आने का कर रहे इंतजार


सिंगरौली(kundeshwartimes)-सिंगरौली जिले में एक बहुत बड़ी समस्या पिछले लंबे अर्से से देखी जा रही है यहां तमाम बड़े बड़े विकाश कार्य स्वीकृत हो जाते हैं करोड़ों रुपए राशि भी मंजूर हो जाती है लेकिन अधिकांश कार्य धरातल पर नजर नहीं आते,जबकि ऐसी स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में नही देखी जा रही,ज्यादा दूर जाने की आवश्यकता नहीं है रीवा जिले में ही देखा जा सकता है जहां मोहनिया टनल जैसी बड़ी परियोजना कब सुरु हुई और कब पूरी हो गई समय का ज्यादा एहसास नही हुआ,इसी तरह से अन्य जिलों में भी देखा जा सकता है हालाकी प्रदेश के अन्य जिलों जैसे इंदौर ग्यालियर जबलपुर भोपाल इत्यादि क्षेत्रों में विकाश कार्यों की लिस्ट बहुत लंबी है,आज सिर्फ देवसर विधानसभा क्षेत्र की बात करेंगे,इस विधान सभा क्षेत्र में विकाश कार्य करने की जिम्मेदारी
विधायक सुभाष चंद्र वर्मा के पास है,ऐसा नहीं है कि विधायक शुभास चंद्र वर्मा विकाश नही करना चाहते हमेशा प्रयासरत रहते हैं,लेकिन उनका प्रयास कारगर साबित होता नजर नहीं आता,अब उदाहरण के लिए आपको बता दें कि देवसर विधायक ने करीब अरबों रुपए की लागत से सैकड़ों विकाश कार्य देवसर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कराई है जिसमे रेलवे ओवर ब्रिज तथा सीएम राइज स्कूल तथा वरगवां में पूर्ण तहसील भी सामिल है,इसके लिए राशि भी मंजूर हो चुकी है,रेलवे ओवर ब्रिज का तो भूमि पूजन भी हो चुका है लेकिन अभी तक ये कार्य कई वर्षों से धरातल पर आने का इंतजार कर रहे हैं वहीं जो काम सुरु भी हुए हैं वे कब पूर्ण होंगे इसकी भी कोई गारंटी नहीं है,क्योंकि सिंगरौली जिले में विलम्ब से कार्य पूर्ण होना एक परंपरा सी हो गई है,तो इस तरह से विधानसभा क्षेत्र में लेट लतीफी का सिलसिला अनवरत जारी है अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इस लेट लतीफी का जिम्मेदार कौन है,स्थानीय जनप्रतिनिधि या प्रशासन या फिर पार्टी के शीर्ष नेता, क्योंकि किसी ना किसी को तो इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

आखिर विधायक की मंशा पर क्यों फिर रहा पानी ?

जिस तरह से देवसर विधायक सैकड़ों विकाश कार्य स्वीकृत कराकर सभी धरातल पर लाना चाहते हैं कुछ कार्यों में उन्हें सफलता भी मिली है जैसे नगर पंचायत हो गया या फिर अन्य कई कार्यों को मूर्त रुप देने में उन्हें सफलता मिली है लेकिन तमाम ऐसे कार्य है जिन्हे बहुत पहले हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक इनकी रुप रेखा तक नही नजर आ रही उदाहरण स्वरूप वरगवां बाजार में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण बहुत पहले हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक काम सुरु नही हुआ इसके अलावा अन्य कई बड़े कार्य अधर में पड़े हुए हैं,अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर देवसर विधायक की मंशा पर कौन पानी फेर रहा है क्योंकि विधायक तो विकाश करना चाहते हैं और प्रदेश तथा केंद्र में इन्ही के पार्टी की सरकार है ऐसे में लोगों के समझ में ये नही आ रहा कि आखिर व्यवधान कौन उत्पन्न कर रहा है

आरओबी जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना अधर में

देवसर विधानसभा क्षेत्र में लंबे अरसे से रेलवे ओवर ब्रिज बनाने की मांग की जा रही है इसके लिए दशकों से जिले के जनप्रतिनिधि प्रयासरत हैं लेकिन आज तक धरातल पर ओवर ब्रिज नजर नहीं आया जबकि सांसद रीति पाठक को भी इसके लिए प्रयासरत रहते देखा गया है,अब देवसर विधायक काफी मशक्कत के बाद भूमि पूजन तक का सफर तय कर लिए हैं लेकिन मिट्टी परीक्षण के बाद आगे की प्रक्रिया विलंब वाली परंपरा में शामिल होती नजर आ रही है

देवसर विधायक ने संविदाकारों को ठहराया दोषी

इस पूरे मसले पर देवसर विधायक सुभाष चन्द्र वर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने संविदाकारों को दोषी ठहराते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि विकाश कार्य करना चाहते हैं लेकिन संविदाकार समय पर कार्य पूर्ण नही कर पाते,उन्होंने एनएच 39 सीधी सिंगरौली सड़क निर्माण कार्य के बारे में पूछने पर बताया कि पूर्व में जिस कंपनी को कार्य करना था उस कंपनी ने एक ही समय में कई कार्य ले ली, और एनएच 39 फोरलेन का पैसा अन्य कार्यों में इन्वेस्ट कर दिया गया इसी वजह से यह फोरलेन निर्माण पूर्ण नही हो सका,विधायक ने कहा की हमारी सरकार ने उक्त कंपनी को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया है,फिलहाल देवसर विधायक ने सिंगरौली जिले में होने वाले विकास कार्यों में हो रहे विलंब का दोषी संविदाकारों को ठहराया है,।

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