नई दिल्ली(kundeshwartimes) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश भारत से बात करने के लिए तैयार है, बशर्ते कि ‘पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दे पर बात करने के लिए गंभीर हो’ क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है.सोमवार को इस्लामाबाद में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के शुभारंभ की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में अपने संदेश में पाकिस्तान के पीएम ने कहा, ‘हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है, हमें अपना, यहां तक कि अपने पड़ोसी का भी ख्याल रखना है. हम उनसे (भारत) बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी गंभीर मुद्दों पर टेबल पर बात करने के लिए गंभीर हो क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है.’
उन्होंने कहा कि, ‘पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है, हमलावर के रूप में नहीं बल्कि हमारे रक्षा उद्देश्यों के लिए.हमने पिछले 75 वर्षों में तीन युद्ध लड़े हैं और जो हुआ उससे अधिक गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों की भलाई के लिए संसाधनों की कमी उत्पन्न हुई. इसलिए यदि हमें यही तरीका अपनाना होगा या अधिक आर्थिक प्रतिस्पर्धा करनी होगी क्योंकि यदि कोई न्यूक्लियर फ्लैश प्वाइंट है, तो किसे यह बताने की आवश्यकता होगी कि क्या हुआ, इसलिए यह कोई विकल्प नहीं है.’
उन्होंने कश्मीर मुद्दा भी उठाया. शरीफ ने कहा कि ‘यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी को यह समझना होगा कि जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता, जब तक कि हमारे गंभीर मुद्दों को शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा के माध्यम से समझा और संबोधित नहीं किया जाता तब तक हम ‘सामान्य पड़ोसी’ नहीं बन सकते.’उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब इस्लामाबाद स्थित आतंकी संगठनों पर कई आतंकी हमलों के आरोप लगने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध भी इस समय सबसे निचले स्तर पर हैं.
हालांकि शहबाज शरीफ की टिप्पणी पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन नई दिल्ली ने अपना रुख बरकरार रखा है कि जब तक पाकिस्तान की ओर से राज्य प्रायोजित आतंकवाद, शत्रुता या हिंसा जारी रहेगी, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती.
पाकिस्तान के लगातार भारत विरोधी रुख और देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप और साथ ही शांति वार्ता के लिए भारत की ओर एक जैतून शाखा (olive branch) का विस्तार करना विश्व मंच पर कोई नई रणनीति नहीं है. पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इसलिए, वैश्विक समुदाय को खुश करने और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सकारात्मक छवि बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की थी और कहा था कि उनके देश ने भारत के साथ तीन युद्धों के बाद सबक सीखा है और अब वह भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं, बशर्ते ‘हम अपनी वास्तविक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सैन्य हार्डवेयर खरीदने के बजाय गरीबी और बेरोजगारी से निपटने के लिए अपने दुर्लभ संसाधनों का बेहतर उपयोग करना चाहता है.