भारत के साथ अन्य देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है और दुनियाभर के विशेषज्ञ इसकी वैक्सीन बनाने में लगे हैं। भारत में भी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है, जिसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ बनाया है।
तेलंगाना के मंत्री के. तारका रामाराव ने मंगलवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड का दौरा किया और कोरोना के टीके को लेकर चर्चा की। इसको लेकर भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला ने जानकारी दी और बताया कि हमारा उद्देश्य कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाना है, जो पानी की बोतल से कम खर्च होगा। से
उन्होंने कहा कि हम पहले से ही इस वैक्सीन में बहुत विशेषज्ञता रखते हैं, जो कोवाक्सिन नाम से आता है। अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन का बहुत समर्थन करते हैं। हम इस साझा दुश्मन से लड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
उम्मीद के मुताबिक रहा पहले फेज का ट्रायल
बता दें कि कोवाक्सिन के पहले फेज का ह्यूमन ट्रायल पूरा हो गया है और कोवाक्सिन की टेस्टिंग के नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के पहले टीके का ह्यूमन ट्रायल 17 जुलाई को पीजीआई रोहतक में शुरू हुआ। उस दिन तीन वॉलंटियर्स को कोवाक्सिन दिया गया था, जिसके नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे हैं।
इन शहरों में चल रहा है वैक्सीन का ट्रायल
कोवाक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए विशाखापत्तनम, रोहतक, नई दिल्ली, पटना, बेलगाम (कर्नाटक), नागपुर, गोरखपुर, कट्टानकुलतुर (तमिलनाडु), हैदराबाद, आर्य नगर, कानपुर (उत्तर प्रदेश) और गोवा के संस्थान चुने गए हैं, जहां ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। ।