उमरिया(kundeshwartimes)- 26 सितंबर को हुई गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में आरोपित दयाराम पिता सुखलाल सिंह गोंड उम्र 62 वर्ष निवासी (हिरौली- मानपुर) की रविवार की सुबह इलाज के दौरान जबलपुर मेडिकल कालेज में मृत्यु हो गई। हिंसक झड़प के बाद से ही आरोपित जिला जेल उमरिया में बंद था जिसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया था।
चुनाव के दौरान यह चर्चा रही कि दयाराम की मौत हो गई है और जबलपुर के एक अस्पताल में उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि उस समय एसपी निवेदिता नायडू ने यह साफ कर दिया था कि दयाराम जिन्दा है और जबलपुर जेल के माध्यम से उसका उपचार कराया जा रहा है। जेल अधीक्षक डीएस सारस ने भी दयाराम के जीवित होने की पुष्टि की थी। हालांकि अब दयाराम इस दुनिया में नहीं हैं।
दयाराम मानपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम हिरौली का रहने वाला एक बुजुर्ग था।
दयाराम हिरौली ग्राम का एक साधारण ग्रामीण जरूर है पर पुलिस ने उसे भी सितम्बर में गोंड़वाना गंणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए बलवे और हत्या के प्रयास के सहयोगी के रूप में गिरफ्तार किया था। दयाराम को 31 अक्टूबर को जबलपुर जेल में ट्रांसफर किया गया था ताकि उसका उपचार जबलपुर में बेहतर ढंग से हो सके।
मारपीट का दावा
दयाराम की गिरफ्तारी उसके गांव से की गई थी। इस मामले में उसके परिजनों का कहना था कि दयाराम गोंगपा के आन्दोलन में हिस्सा लेने उमरिया गया ही नहीं था। दयाराम के परिजन यह आरोप भी लगा रहे थे कि दयाराम के साथ जेल में बुरी तरह से मारपीट की गई थी, जिससे उसकी कई पसलियां भी टूट गई थी। जबकि पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू और जेल अधीक्षक डीएस सारस का कहना है कि दयाराम को हार्ट की समस्या थी जिसकी वजह से उसे पहले जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था और बाद में उसे बेहतर उपचार के लिए जबलपुर जेल रेफर कर दिया गया था।