प्राइवेट अस्पताल में मरीज को भेजने पर डॉ सोनल अग्रवाल की समाप्त होंगी सेवाएं, एचओडी डॉ बीनू सिंह की रुकेगी तीन इंक्रीमेंट

मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी पर एक और बड़ी कार्रवाई के संकेत

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रीवा(kundeshwartimes) विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी पर एक और बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। स्त्री रोग विभाग की डॉक्टर सोनल अग्रवाल की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज के कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया है। वहीं एचओडी डॉ बीनू सिंह की तीन वेतन वृद्धि रोकी जाएंगी। बैठक में सुपर स्पेशलिटी के अधीक्षक को कमिश्नर ने जमकर फटकार लगाई। कमिश्नर ने यहां उन्हें नौकरी से बाहर किए जाने तक की बात कह डाली।

जीएमएच के गायनी विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही ने रीवा मेडिकल कॉलेज की प्रदेशभर में किरकिरी कराई। विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी के चलते मेडिकल कॉलेज डीन और अस्पताल अधीक्षक तक बदल गए। अब उन डॉक्टरों पर कार्रवाई की बारी है, जिनके कारण यह सारा बखेरा खड़ा हुआ। स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ बीनू सिंह और डॉ सोनल अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज की कार्यसमिति की बैठक में रखा गया। कार्यसमिति की बैठक में डॉ सोनल अग्रवाल की सेवाएं समाप्त करने और डॉ बीनू सिंह की तीन इंक्रीमेंट रोकने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर हालांकि फिर से परीक्षण करने के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं। हालांकि दोनों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।भोपाल से आई जांच टीम ने की थी कार्रवाई की अनुशंसा : जीएमएच रीवा के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में 10 जनवरी 2023 को मरीज अनीता तिवारी पति हंसराज मिश्रा ग्राम मझियार तहसील मऊगंज को प्रसव के लिए भर्ती किया गया था। अस्पताल में सही ट्रीटमेंट नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी सिफारिश की थी। इसके बाद भी मरीज को वहां पदस्थ डॉ सोनल अग्रवाल ने निजी नर्सिंग होम भेज दिया था। इससे नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को कड़ा पत्र लिखा था। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। विधानसभा की नाराजगी के बाद ही भोपाल से जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम रीवा आई थी। जांच में डॉ सोनल अग्रवाल पर लगे आरोप सही पाए गए थे। यहां तक की निजी नर्सिंग होम में डॉ सोनल अग्रवाल की देखरेख में मरीज को भर्ती किया जाना पाया गया। 10 हजार 500 रुपए डॉ सोनल अग्रवाल के नाम पर आईपीडी बिल में सर्जन चार्ज के रूप में उल्लेखित मिला था। जांच के बाद समिति की अनुशंसा पर ही कार्रवाई का प्रस्ताव कार्यकारिणी में रखा गया।डॉ बीनू सिंह को भी इसी मामले में दोषी माना गया है।इनके खिलाफ तीन वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का प्रस्ताव रखा गया।प्रदेश में हुई किरकिरी उन पर कार्रवाई में देरी: स्त्री रोग विभाग की डॉ सोनल अग्रवाल और एचओडी रहीं डॉ बीनू सिंह की लापवाही के कारण ही प्रदेशभर में रीवा मेडिकल कॉलेज की किरकिरी हुई। जांच में प्रमुख रूप से यही दोनों दोषी मिले।मरीज को प्राइवेट अस्पताल में भेज कर इलाज करना भी जांच में पाया गया।अब इन पर कार्रवाई करने में प्रबंधन देरी कर रहा है।वहीं अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज डीन मामले में सेकंड्री थे,उन्हें पहले ही हटा दिया गया।कमिश्नर ने जमकर फटकारा हर बार की तरह इस बार भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ अक्षय श्रीवास्तव को कमिश्नर की फटकार झेलनी पड़ी। बैठक में वह हर कार्य के लिए बजट स्वीकृति का प्रस्ताव रख रहे थे। इस पर कमिश्नर बिफर गए। उन्होंने आय कम और खर्च ज्यादा किए जाने पर नाराजगी जताई।कमिश्नर ने यहां तक कह दिया कि उन्हें नौकरी से ही बर्खास्त कर देना चाहिए।सुपर स्पेशलिटी अस्पताल उनसे सम्हल नहीं रहा है।सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लगने वाली सामग्री की पूर्ति के लिए हर महीने 80 लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई है।इसके बाद भी व्यय सीमा से कहीं अधिक अस्पताल ने मरीजों के आपरेशन और इलाज में खर्च कर दिया।आयुष्मान योजना के हितग्राहियों का इलाज ज्यादा किया गया। वहीं पेड कन्जूमर यहां कम ही ऑपरेट हुए।इसी बात पर नाराजगी जताई गई।सब स्टेशन भी पीछे जाएगा चिकित्सा महाविद्यालय के प्रशासकीय भवन एवं छात्रावासों में विद्युत आपूर्ति को निरंतर बनाए रखने के लिए चिकित्सा महाविद्यालय के सामने विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसकी एजेंसी पीआईयू हैं। मुख्य भवन के सामने सब स्टेशन बनाए जाने का डॉक्टर और प्रबंधन विरोध कर रहे थे। इसे प्रशासकीय भवन के पीछे ले जाने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा गया।कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई है डॉ बीनू सिंह और डॉ सोनल अग्रवाल के मामले में पुर्नविचार के लिए कहा गया है।

डॉ मनोज इंदूलकर डीन
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज

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