रेल लाइन भू अर्जन मे सीधी एवं सिंगरौली में हुआ बड़ा भ्रष्टाचार : डीपी शुक्ला,कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो अनुराग द्विवेदी की रिपोर्ट

रेलवे विभाग के पत्र कर रहे भ्रष्टाचार प्रमाणित फिर भी कार्यवाही करने प्रशासन गंभीर नहीं

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देवसर(kundeshwartimes)- सिंगरौली एवं सीधी जिले से गुजरने वाली अति महत्वकांक्षी परियोजना ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन भू अर्जन में प्रारंभिक प्रकाशन से लेकर पारित अवार्ड तक की प्रक्रियाओं में बड़ा गोलमाल होने के तमाम आरोप लगाए गए हैं, जिसे रेलवे विभाग का पत्र स्पष्ट प्रमाणित कर रहा है,फिर भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना होना स्थानीय प्रशासन के उपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है,अब रेलवे विभाग का पत्र दिनांक19/08/19,03/02/23,07/01/2022 कह रहा है, दोनों पत्रों के अवलोकन से राजस्व विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ अन्य विभागों द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है और राजस्व विभाग सीधी के कलेक्टर का पत्र दिनांक01/08/19 यह कह रहा है कि स्थानीय जन एवं रेलवे के कर्मचारी भ्रष्टाचार किए है एवं सिंगरौली कलेक्टर के पत्र दिनांक 06/04/22कह रहे कि रेलवे विभाग संपूर्ण भू अर्जन कि सत्यापन करने से भ्रष्टाचार किया गया है ,जबकि 2017 से ही डीपी शुक्ला किसान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि इस भ्रष्टाचार में सत्ता पक्ष के सांसदों के साथ रेलवे विभाग एवं राजस्व विभाग मिलकर के कई अरब का घोटाला किया गया है और उसके साथ लोगों का रोजगार छीना गया है जबकि भू अर्जन एक्ट 2013 यह कहता है कि सामाजिक समाघात का का सर्वे नियम 2014से करने के बाद नियम ( प्रति कर, पुनर्वासन और पुनरव्यवस्थापन, विकास योजना)2015 के मुताबिक आवेदक संस्था नियम 3(1 ) के मुताबिक प्ररूप- एक( उपाबंध – एक, उपाबंद -दो , उपाबंद- तीन) के मुताबिक आवेदन करेगी उसके बाद आवेदक संस्था की मात्र राशि देने भर की जवाबदारी रहेगी समस्त

जवाबदारी कलेक्टर यानी समुचित सरकार की होगी जिसे कलेक्टर नियम 5(1) के मुताबिक प्रारंभिक अधिसूचना यानी धारा -11 का प्रकाशन प्ररूप -दो के मुताबिक करेंगे, नियम -6 के मुताबिक कलेक्टर व्यक्तिसह नोटिस समस्त प्रभावित व्यक्तियों को देगा और नियम -9 के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रभावित व्यक्तियों को प्ररूप -4 के मुताबिक व्यक्तिसह नोटिस देगा, और नियम- 10 के मुताबिक सचिव राजस्व विभाग यानी कलेक्टर द्वारा घोषणा प्रकाशन धारा -19 की प्ररूप -पांच में करने का है और नियम -11 के मुताबिक कलेक्टर प्ररूप -6 मे भू अर्जन पंचाट एवं प्ररूप -7 मैं पुनर्वासन और पुनरव्यवस्थापन पंचाट यानी धारा -23 की अवार्ड पारित एवं घोषित करना था
परंतु ना तो आवेदक संस्था यानी रेलवे विभाग भू अर्जन एक्ट 2013, नियम 2015( प्रतिकर, पुनर्वासन और पुनरव्यवस्थापन, विकास योजना )के नियम – तीन (1 ) के मुताबिक अर्जन हेतु अनुरोध किया गया है और ना ही कलेक्टर यानी समुचित सरकार सीधी एवं सिंगरौली का भू अर्जन अधिनियम 2013 के नियम/2015 के प्ररूप -2 से लेकर के प्रारूप -7 तक का पालन नहीं किया गया है जिसके कारण इतना बड़ा भ्रष्टाचार ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन भू अर्जन में हुआ है जिसका कारण राज्यसभा सांसद एवं लोकसभा सांसद गणों को अनैतिक फायदा पहुंचाना और प्रभावित व्यक्तियों को रोजगार जैसे कई लाभ से वंचित करने की मंशा से इस तरह की कार्यवाही की गई और आम जनता को दिखाने के उद्देश्य रेलवे एवं राजस्व विभाग के द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया गया जबकि कलेक्टर सीधी अपने पत्र दिनांक 1 अगस्त 2019 में सीधी जिले के 27 ग्राम की भू अर्जन प्रक्रिया जून 2018 मैं ही व्यपगत हो गई थी जिसके कारण सीधी जिले के 27 ग्रामों के लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है समय पर समय वृद्धि या तो समय पर अवार्ड पारित न करने के कारण वार्ड कैंसिल हुआ है जिसकी जांच पांच-छह वर्षों से आरोप प्रमाणित लगाए जाने के बाद भी नहीं की जा रही है।

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