दमोह – आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रांतीय आवाहन पर इंटीग्रेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर राज्यपाल के नाम एसडीएम को कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सोपा गया। जिसम जिला सयोंजक शिवेंद्र तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के सभी 21 शासकीय विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली को डिजिटल मोड ऑटोमेशन में लाने के उद्देश्य से एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली लागू की जा रही हैं। इस प्रणाली के माध्यम से 24 लाख विद्यार्थियों का अकादमिक डाटा विश्वविद्यालय के समस्त कर्मचारि ओर प्राध्यापकों का रिकॉर्ड एक ही प्लेटफार्म पर एकत्रित होगा।
साथ ही विश्वविद्यालय के दिन प्रतिदिन की गतिविधिया परीक्षा नियंत्रण सिस्टम ओर अकाउंट भी इसके दायरे में आ जायेंगे। विश्व विद्यालय की गतिविधियों को डिजिटल मोड में लाना और ऑटोमेशन किया जाना एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन जिस तरीके से इंटीग्रेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम क्रियान्वित किया जा रहा है विद्यार्थियों और उच्च विद्यालय से संबंधित सभी गतिविधियों को नियंत्रत करने के उद्देश्य से सभी तरह की सूचनाओं को एक प्लेटफार्म पर केंद्रित किया जा रहा है इसे लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस प्रणाली के कारण कई विसंगतियां पैदा होगी और विश्वविद्यालयों की व्यवस्था प्रभावित होगी। जिला एसएफ़डी सयोंजक नीलेश राठौर ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं को केंद्रीय करना सूचनाओं को एक ही जगह एकत्रित करना का व्यावहारिक और आनवश्यक कदम हैं इसमें डाटा हैकिंग से संबंधित कई खतरे हैं इंटीग्रेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम बिना किसी मंथन और विमर्श के लागू किया जा रहा है जो छात्र हित में उचित नहीं है कोई भी व्यवस्था केंद्रीकृत नहीं होनी चाहिए।
राजभवन विश्वविद्यालयों से उनका एकाधिकार छिनने के लिए अग्रसर है , मध्य प्रदेश की छात्र शक्ति इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। जिसमें प्रमुख रूप से उपस्थित जिला संगठन मंत्री प्रभात तिवारी, प्रांत कार्यकारणी सदस्य राहुल कुमार, जिला एसएफएस प्रमुख रत्नेश् रजक, उपाध्यक्ष प्रशन्न सोनी, आशू उपमन, सत्यम रजक, सौरभ, राजा, दीपेश, सत्यम, शैलेन्द्र के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।