बूंदी(kundeshwartimes) जिले के हिंडोली तहसील के हनुमानपुरा गांव निवासी सेना के जवान कालूलाल नागर शहीद हो गए हैं. वे वर्तमान में पश्चिम बंगाल में तैनात थे. जहां पर आर्मी के वाहन में हवा भरते वक्त टायर फटने से कालूलाल की मौत हो गई. इसके बाद उनके शव को बूंदी लाने की तैयारी सेना ने जुटी है. मंगलवार सुबह उनके अंत्येष्टि के लिए शव बूंदी लाया जाएगा. जहां पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी. कालूलाल की शादी डेढ़ महीने पहले ही हुई थी. उनके परिजनों का कहना है कि कालू लाल सेना के काम को हमेशा प्राथमिकता देते थे. साथ ही कहते थे कि सेना का काम भगवान की सेवा पूजा समान है.
छाबरियों का नयागांव के सरपंच पति धनपाल का कहना है कि उन्हीं की पंचायत के गांव हनुमानपुरा के निवासी कालूलाल थे. वर्तमान में सेना में ड्राइवर के तौर पर पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में तैनात थे. हमें बताया गया है कि आर्मी के बेस कैंप में ही यह हादसा रविवार यानी 22 जुलाई को शाम 5:00 बजे हुआ था. सेना के ट्रक में कालूलाल हवा भर रहे थे. उसी दौरान टायर फट गया और वो गंभीर रूप से चोटिल हो गए. जिसके चलते मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
पत्नी सुनते ही बोली दुनिया उजड़ गई बूंदी जिले के नैनवा इलाके के करवर गांव निवासी टीना से डेढ़ महीने पहले 5 जून 2023 को ही कालू लाल का विवाह हुआ था. टीना और कालू लाल ठीक से जीवन भी शुरू नहीं कर पाए थे कि कालू लाल शहीद हो गए. टीना वर्तमान में अपने पीहर करवर में ही थी. जहां पर कालू लाल के शहीद होने की जानकारी उसे मिली. टीना ने यह बात सुनते ही कहा कि उसकी दुनिया उजड़ गई. इसके बाद पत्नी टीना का रो-रो कर बुरा हाल है. वह कुछ देर गुमसुम रहती है और कुछ देर तेज विलाप कर रही है.
शादी के पहले करवाया था मकान निर्माण
भाई ओमप्रकाश का कहना है कि 5 मई 2000 को कालू लाल का जन्म हुआ था और वे 23 साल के थे. साल 2019 में सेना में उनका चयन हुआ था. शादी तय होने के बाद कालू लाल ने पूरा मकान का पुन: निर्माण करवाया था. इसके पहले हमारा मकान कच्चा था. पिता दुर्गा लाल और मां संतरा की स्थिति भी पत्नी टीना जैसी ही है. उनका कहना है कि हम चार भाइयों में कालू लाल ही नौकरी करते हैं. कालू लाल से बड़े दो भाई हैं जिनके नाम हेमराज और परशुराम है. जबकि मैं सबसे छोटा हूं. परिवार में शादी भी कालू लाल की ही हाल ही में हुई थी.
15 दिन बाद लौटने की कहा था
कालूलाल के भाई ओमप्रकाश का कहना है कि उनकी 21 जुलाई को शाम को बात हुई थी. उस दौरान 15 दिन बाद आने की बात कालू लाल ने कही थी. यही बात कालू लाल ने अपनी पत्नी से भी कही थी. ओमप्रकाश का कहना है कि शादी के बाद कालू लाल 27 जून को ही वापस गए थे. ओमप्रकाश के आंसू भाई के शहीद होने पर नहीं रुक रहे हैं, लेकिन भाई की तरह सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि भाई नहीं तो मैं खुद सेना में जाऊंगा.