सतना जिले मे लोग सड़को को लेकर लगातार परेशान रहे है और आज भी परेशान है जहाँ देखो वही सिर्फ गड्ढे ही नजर आते है उसका कारण गाँव से लेकर शहर तक जो सड़के बनती है उनमे गुणवत्ता ना होने के कारण एक तरफ बनती है और दूसरे तरफ से टूटने लगती है और टूटते ही रहेगी जब बनवाने वाले को ही नही आता तो सड़के बढि़या कैसी बन सकती है सतना लोकनिर्माण विभाग मे पदस्थ उपयंत्री और प्रभारी SDO बृजेश सिहं जैसे लोग सड़के बनवाएगे तो सड़के कैसे बढि़या बन सकती है ये हम नही कार्यपालन यंत्री की लिखी चिट्ठी कह रही है उस चिट्ठी मे कार्यपालन यंत्री ने बकायदा विभाग के अधिकारियों को लिखा है कि बृजेश सिहं को टेक्निकल कोई जानकारी नही है इसलिए ऐसे लोगो को हटा दिया जाए लेकिन विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी के चलते अभी तक हटाए नही गए दरसल इस पूरे खेल मे अधीक्षण यंत्री से लेकर ऊपर के भी कुछ अधिकारी इसमे शामिल है जिसके कारण सतना जिले मे BE होल्डर होते हुए भी पैसो के दम पर एक डिप्लोमा होल्डर को SDO बना दिया गया और SDO बृजेश सिहं का जलवा देखिए सरकारी आफिस मे जब नौकरी करने के लिए साहब रीवा से निकलते है तो रास्ते मे ही बियर का सेवन करते हुए सतना आफिस पहुंचते है और उसके बाद नशे मे जब जिसको चाहा उसके साथ गालीगलौज किया जैसे ये कोई सरकारी आफिस ना हो उनके पिता जी का घर हो फिर भी कोई बोलने वाला नही जब इसकी शिकायत की गई तो इसकी जांच कराई गई तो साहब फिर नशे मे मिले और जांच अधिकारियों को भी नशे मे गालीगलौज से संम्मान किया इसके बाद अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट रीवा कमिश्नर को सौपीं जांच रिपोर्ट मे वो तमाम गतिविधियों के बारे मे जानकारी दर्शायी गई लेकिन रीवा कमिश्नर के द्धारा महज दो वर्ष के वेतन काटौती का आदेश किया गया अब कमिश्नर साहब को क्या मालुम कि साहब को वेतन की कोई आवश्यकता तो है ही नही इसलिए ये कार्यवाही उनके लिए कोई मायने ही नही रखती