देवसर(kundeshwartimes)- सरकार द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम लागू कर भले ही सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही हो लेकिन कई विभागों में इस महत्वपूर्ण अधिनियम की सरेआम अवहेलना की जा रही है उदाहरण स्वरूप देवसर जनपद के ग्राम पंचायत मजौना सरपंच सचिव सूचना का अधिकार अधिनियम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं मजौना के उपसरपंच अनुराग द्विवेदी ने पंचायत में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन देकर कुछ जानकारी चाही है आवेदन देने के बाद महीनों गुजर गए लेकिन अभी तक सरपंच सचिव कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराए हैं इस संबंध में जनपद कार्यालय देवसर से पंचायत को नोटिस भी जारी कर तीन दिवस के भीतर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है लेकिन सरपंच सचिव की मनमानी इस कदर चल रही है कि जनपद के नोटिस की भी कोई परवाह नहीं है जिस तरह से सरपंच सचिव जानकारी छिपा रहे हैं ऐसे में अपने आप साबित होता है कि निश्चित रूप से कहीं न कहीं बड़ा घोटाला हुआ है इसीलिए जानकारी उपलब्ध कराने में पसीने छूट रहे हैं
सरेआम कर रहे आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन
मजौना सरपंच सचिव इन दिनों शासन प्रशासन को भी चुनौती दे रहे हैं क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी न देकर खुलेआम इस अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं फिलहाल भले ही आवेदक अपीलीय अधिकारी का दरवाजा खटखटाएं लेकिन इतना जरूर है कि जानकारी छिपाने के पीछे की वजह पर स्थानीय प्रशासन को विचार करने की आवश्यकता है
बड़ा घोटाला होने की आशंका
जिस तरह से मजौना सरपंच सचिव सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी नहीं दे रहे हैं ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पंचायत में निश्चित रूप से बहुत बड़ा घोटाला हुआ है वैसे भी आए दिन इस पंचायत में हुए निर्माण कार्य में व्यापक पैमाने पर अनियमितता के आरोप लगाये जाते रहे हैं तथा ऐसे वेंडर जिनकी कोई भी दुकानें नहीं है उनके नाम से भी लगातार लगाकर लाखों रुपए की राशि आहरित की जा रही है कुल मिलाकर पंचायत में फर्जी भुगतान होने के आरोप आए दिन लगते आ रहे हैं शायद यही वजह है कि मजौना सरपंच सचिव के आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी देने में पसीने छूट रहे हैं।