कक्षा 5वी एवं 8वीं की परीक्षा बनी मजाक, मनमानी व्यवस्था से प्रतिभावान छात्रों का भविष्य चौपट नाम मात्र के लिए हो रही बोर्ड के तर्ज पर

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशों की हो रही जिले में अवहेलना, जहां के छात्र वहीं के पर्यवेक्षक ले रहे परीक्षाएं

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रीवा(kundeshwartimes)- राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिले में कक्षा पांचवी एवं आठवीं की परीक्षाएं आयोजित हैं। कहने को तो यह परीक्षाएं बोर्ड की तर्ज पर आयोजित की जा रही है, इसके पीछे शासन की मंशा यह है कि निचले स्तर के बच्चे अर्थात शिक्षा की नीव मजबूत हो इसके लिए शासन ने स्पष्ट निर्देश किए जो परीक्षार्थी जहां अध्ययनरत है वहां परीक्षा केंद्र ना बनाकर 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर परीक्षा केंद्र बनाए गए साथ ही यह भी निर्देश जारी किए गए कि उन परीक्षा केंद्रों पर अन्यत्र के पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाई जाए। किंतु हमेशा ही सुर्खियों में रहने वाला रीवा जिला राज्य शिक्षा केंद्र को खुलेआम रद्दी की टोकरी में डालते हुए अशासकीय विद्यालयों से सांठगांठ कर पहले तो उन्हें परीक्षा केंद्र बनाया गया, फिर उन्हीं विद्यालयों के छात्र का वहां सेंटर किया गया, इसके बाद उसी विद्यालय के कर्मचारियों की वहा ड्यूटी भी लगा दी गई।

नाम मात्र के लिए बने हैं उड़न दस्ते

हालांकि राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार विकासखंड स्तर से जिला स्तर पर तमाम तरह के उड़न दस्ते नकल रोकने के लिए तैयार किए गए हैं। किंतु यह उड़नदस्ते परीक्षा केंद्रों में जाकर महज खानापूर्ति कर लौट आते हैं। जबकि प्राथमिक एवं माध्यमिक परीक्षा केंद्रों में खुलेआम नकल हो रही है।

उदाहरण के तौर पर यदि रीवा विकासखंड के एक अशासकीय विद्यालय की बात करें तो उमादत्त उमावि विद्यालय ढेकहा रीवा में स्थित है। इस विद्यालय में इसी विद्यालय के छात्र कक्षा पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा दे रहे। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस परीक्षा केंद्र में पूरे अशासकीय विद्यालयों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई दी गई है तो उन्होंने उपस्थित नहीं दर्ज करवाई। यदि 1-2 कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज भी कराई तो उनकी परीक्षा कक्ष में ड्यूटी नहीं लगाई गई।

मीडिया की खोजबीन से पता चला कि परीक्षा संचालन के दौरान अशासकीय विद्यालय के प्राचार्य सहित उस विद्यालय का पूरा अमला परीक्षा केंद्र में मौजूद रहा। शासन के निर्देशानुसार परीक्षा केंद्र में केंद्राध्यक्ष एवं पर्यवेक्षक के अतिरिक्त अन्य कोई भी कर्मचारी परीक्षा समय पर उपस्थित नहीं होना चाहिए।

बीआरसीसी एवम डीपीसी स्तर से बनाए गए हैं परीक्षा केंद्र एवं नियुक्त किए गए हैं पर्यवेक्षक

मीडिया ने जब शिक्षा विभाग में खोजबीन एवं पड़ताल की तो जानकारी मिली कि जो भी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं उसके लिए संबंधित विकासखंड के बीआरसीसी एवं जिला स्तर पर डीपीसी अधिकारी जिम्मेदार है। परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जब बीआरसीसी से बात की गई तो उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि जन शिक्षा केंद्र प्रभारी को अधिकृत किया गया है। जन शिक्षा केंद्र प्रभारी ने बताया कि जन शिक्षक अर्थात सीएसी द्वारा जो सूची बनाई गई उसका अनुमोदन उन्होंने कर दिया।

बहरहाल मीडिया की पड़ताल में एक मामला खुलकर सामने आया है कि बोर्ड की तर्ज पर भले ही कक्षा पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा संचालित की जा रही है इसमें जनशिक्षक से लेकर डीपीसी तक सारी कारगुजारी की गई है ।नकल रोकने नहीं नकल कराने के लिए पूरी तरह से सांठगांठ कर परीक्षा केंद्र एवं पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई।

पूरा मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि आगामी परीक्षाओं में ऐसे सारे पर्यवेक्षक की नियुक्ति निरस्त हो सकती है जहां उनकी ड्यूटी लगाई गई है और उनके पढ़ाए गए छात्र परीक्षा दे रहे हैं।

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