दमोह ( विंध्य सत्ता ) किसान दिवस भारत के प्रधानमंत्री रहे श्री चौधरी पीएम सिंह की याद में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन पीएम श्री चौधरी चरण सिंह किसानों के हित के बात करते थे और जमीन से जुड़ा रखते थे प्रत्येक स्टार पर वह है समस्याओं का निराकरण और देश हित की बात करते थे किसान को इस दिवस का प्रोत्साहन दिया जाता है इस विशेष दिवस का उद्देश्य यही है कि किसानों के योगदान को सराहा जाए देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता से लेकर कई तरह के कार्यक्रम देशभर में आयोजित होते हैं मैं यही कहना चाहता हूं कि मुझे गर्व है कि मैं किसान पुत्र हूं मेरा भारत महान है क्योंकि मेरे देश की पहचान किसान है जय हिंद जय भारत आज देश जहां हमारा देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर 75 साल पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वही किसान आजादी के 75 वर्ष बाद भी सही दाम का अभाव महंगे कृषि यंत्र कृषि हेतु जल का अभाव उचित मात्रा में सरकारी सेवाओं का सुचारु रुप से लागू ना होना जैसे सब्जी खाद उचित अधिक उत्पादक वाले बीजों का अभाव सही स्थिति विकास की वर्तमान में नहीं हो साहूकारों धन वालों पूंजीपतियों से कर्ज लेकर कर्ज के तले डूब जाना इत्यादि समस्या आज भी हमारे देश का किसान विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है 1960 के दशक से हरित क्रांति के अनेक से कृषि में सुधार आना प्रारंभ हुआ जहां हम कहते हैं आजादी यदि भारत भूमि हैं और उसकी आत्मा रूपी दिव्य शक्ति भारत का संविधान तो हमारा देश का किसान उसके शरीर की रीड की हड्डी के साथ-साथ विश्व को पालने वाला विभिन्न किसी स्वार्थ के अपने सच्चे और अच्छे मन से धरती माता की गोद में सो कर उसके निकट रहकर कड़ी मेहनत करके संसार कल्याण के लिए खेतों में अपने हल से अन्य उपजाकर सभी तरह ही समस्याएं हल करता है विश्व में यदि कोई निस्वार्थ भाव से अपने काम को करता है तो वह है सीमा पर खड़ा जवान और खेत में खड़ा किसान भारत 1965 पाक युद्ध के समय तत्कालीन पीएम श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने लोगों से आग्रह किया था एक व्यक्ति का खाना कम कर दीजिए क्योंकि उस वक्त हमारा देश सूखे और युद्ध से जूझ रहा था इस कारण सादगी व जिंदादिल सहज व सरल दिखाने वाले शास्त्री ने चट्टान की तरह भ्रष्ट शंकर लेकर जय जवान जय किसान का नारा दिया था किसी भी देश की उन्नति में उस देश के किसान का बहुत बड़ा यानी अद्वितीय योगदान होता है क्योंकि किसान पूरे देश के लिए अनाज उगाता है अगर किसान अनाज नहीं उग आएगा तो सभी लोगों का जीवन संकट में पड़ जाएगा और मानव जाति का विवश होना शुरू हो जाएगा इसलिए हमें और सरकार को किसानों की कद्र करते हुए उनकी सहायता और इज्जत करनी चाहिए
डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विद्यालय सागर अध्ययनरत छात्र हरेंद्र कुर्मी द्वारा किसान दिवस पर बड़ी अच्छी सराहनीय पहल से अपनी कलम से लिखा है जो बहुत गौरव का हर्ष है कि एक किसान के बेटे ने किसान दिवस पर किसान के बारे में लिखा जय जवान जय किसान