त्योंथर का घूमा और मऊगंज का घुरेहटा औद्योगिक क्षेत्र बनने का सपना कोरी घोषणा हो साबित शिवरतन नामदेव

मऊगंज और कटरा क्षेत्र के युवाओं के रोजगार का भविष्य अधर में लटका जनता की मांग घोषणाओं पर अमल करे सरकार

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कटरा (kundeshwartimes)- विगत डेढ़ दो वर्ष पहले, त्योंथर के घुमा में उद्योग लगाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र की घोषणा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा के द्वारा की गई थी, वर्चुअली भूमि पूजन भी मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा किया गया था, मऊगंज के घुरेहटा को तो विगत कई सालों पहले औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया था, लेकिन आज तक ना ही घूमा और ना ही घुरेहटा में उद्योगों की स्थापना हो पाई है, घुमा और घुरेहटा दोनों जगह उद्योग लगाने के लिए जमीन भी चिन्हित की जा चुकी है।

बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए पैसे भी मंजूर हो गए हैं, फिर वह कौन से कारण हैं की धरातल में काम नहीं हो पा रहा है, जब उपरोक्त दोनों जगहों को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया तो अत्यंत पिछड़े त्योंथर और मऊगंज क्षेत्र के रहवासियों में खुशी की लहर दौड़ी थी, लोगों को लगा कि अब हमारे क्षेत्र का भी विकास होगा ,गांव घर में ही रोजगार मिलेगा, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है लोगों की खुशियां काफूर होती जा रही हैं, विपक्षी लोगों को जनता को बरगलाने का एक बढ़िया मौका मिल गया है, चाहे चाय की दुकान हो या बस का सफर जब भी विकास की चर्चा होने लगती है तो, विपक्षी टूट पड़ते हैं, उनका एक ही कहना रहता है कि मामा तो केवल घोषणा वीर है, लोगों का कहना है कि जब मामा विकास की 1000 घोषणाएं करते हैं तब कहीं जाकर दस -बीस काम होते हैं,

लोगों का यह भी कहना है कि बीते साडे चार साल की घोषणा केवल चुनावी घोषणा है, चार महीने बाद चुनाव का शंखनाद हो जाएगा, पांच वर्ष के लिए फिर से वोट मांगे जाएंगे ,फिर अगली सरकार में विकास के वादे किए जाएंगे, विगत 20 साल से यही हो रहा है, जनता अबाक है, वह केवल अपने आप को ठगा महसूस कर रही है ,जनता केवल राजनीतिक पार्टियों और सरकार के नुमाइंदों का मुंह ताकती रहती है ।

विगत कुछ माह पहले ढोल नगाड़े के साथ सरकार ने विकास यात्रा निकाला, विधायकों सांसदों को सख्त हिदायत दी गई कि दिल्ली भोपाल छोड़कर क्षेत्र में जाओ लोगों के दुख दर्द सुनो, जो गरीब सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं उन्हें तत्काल सुविधा उपलब्ध कराओ, जिला प्रशासन को भी साथ में लेकर जाओ ,विकास यात्रा में जिला प्रशासन भी साथ साथ चल रहा था, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम वासियों के द्वारा ज्यादातर आवेदन में गरीबी रेखा में नाम जोड़ने, वृद्धा पेंशन और खाद्यान्न दिलाए जाने की मांग की गई ,गांव में सरकार को देखकर लोगों के मन में एक आशा का संचार हुआ, चेहरे पर मुस्कान लौटी, लोगों ने सोचा चलो देर से ही सही अब तो सुविधा मिलेगी ,क्योंकि सरकार जो हमारे घर तक आई है ,लेकिन कुछ ही दिनों में उनके चेहरे की मुस्कान गायब हो गई ,अब वही ढाक के तीन पात, जब सरपंचों ने बताया कि विकास यात्रा में दिए गए आवेदन पर कोई काम नहीं हो रहा है ,संबंधित अधिकारियों के अनुसार सरकारें ऐसी घोषणा करती रहती हैं, अब यह एक विचारणीय प्रश्न है कि वाकई में सरकार घोषणा वीर हैं या फिर अधिकारी सरकारी योजनाओं का पलीता लगा रहे हैं , लोगों का यह भी कहना है कि अपात्र लोगों का काम पैसे के दम पर अधिकारी खूब कर रहे हैं ,लेकिन पात्र लोगों का काम नहीं हो रहा है ,बिजली विभाग भी ऊल जलूल बिल वसूल कर सरकार को बदनाम करने पर तुली हुई है, यदि जल्द ही मध्यप्रदेश सरकार नहीं चेती तो फिर घोषणा वीर का ठप्पा आगामी विधानसभा चुनाव में स्पष्ट देखने को मिलेगा ,अभी वक्त है, जो विकास संबंधित घोषणाएं की गई हैं ,उन पर जमीनी स्तर पर कार्य शुरू किया जाए, विकास यात्रा में गरीबों द्वारा दिए गए आवेदन में मांग की पूर्ति की जाए।

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