जबेरा -:कोरोना महामारी के दौरान अन्य प्रदेशों से बेरोजगार होकर लौटे ग्रामीणों को यह आशा थी कि गांव पहुंचने पर कुछ न कुछ रोजगार मिल जाएगा। सरकार ने भी ऐसे लोगों के लिए पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य कार्यो के लिए रोजगार की व्यवस्था बनाई। लेकिन अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना ग्रामीण मजदूरों को बरोजगार बनाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला जबेरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत नोहटा में आरईएस योजना अंतर्गत कि जा रही सिंदूर सड़क निर्माण जो कि लगभग 59 लाख की है जहां पर ठेकेदार द्वारा मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन लगाकर सिंदूर सड़क निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है। जो कि मुख्य मार्ग से छात्रावास की ओर सिदूर सड़क का निर्माण किया जा रहा बताया जाता है जिसमें प्रावधानों के अनुसार मजदूरों से कार्य कराया जाना था। लेकिन ठेकेदार ने मजदूरों का हक छीन कर आनन-फानन में जेसीबी मशीन के माध्यम से कार्य आरम्भ कर दिया। जिसका ग्रामीणों में विरोध भी किया है। लेकिन ठेकेदार ने एक न सूनी है वही ठेकेदार के द्वारा अवैध उत्खनन करके सिंदूर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन प्रशासन मोन बना हुआ है
अधिकारियों की मिली भगत से जेसीबी मशीन से सिंदूर सड़क खुदवाना क्षेत्रीय लोगों की समझ से परे हैं। यदि इस सिंदूर सड़क का निर्माण मजदूर करते तो उन्हें मजदूरी मिल जाती
मजदूरों के वजह मशीनों से करवाया जा रहा काम :–
पूरे जिले भर में पलायन रोकने के लिए जिला प्रशासन अनेकों उपाय कर रही है ताकि स्थानीय मजदूर अन्य राज्य पलायन नही करे ,उन्हें गाँव मे ही रोजगार उपलब्ध हो सके ,लेकिन ठेकेदार के द्वारा नियमों को ताक में रखकर अपने चहेतों को काम दिलाने के उद्देश्य से मजदूरों से कार्य नही करवाकर जेसीबी मशीन व ट्रेक्टर से काम करवाया ,अगर मजदूरों से काम करवाया जाता तो मजदूरों को रोजगार मिलता ,लेकिन नियमों को ठेंगा दिखाकर अपनी मनमानी किया गया व चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मशीनों से काम करवाया गया ।