न्याय की आस में मासूम बच्चों के साथ थाली-चम्मच बजाते हुए पदयात्रा पर निकला गरीब परिवार

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राजगढ़(kundeshwartimes) मध्यप्रदेश पुलिस व प्रशासन कैसे काम करती है इसकी तस्वीर राजगढ़ जिले में देखी जा सकती है. पहले दबंगों की गुंडागर्दी और फिर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से परेशान पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग के लिए सड़क पर थाली व चम्मच बजाते हुए जिला मुख्यालय तक पैदल यात्रा की. पूरे परिवार ने महिला व बच्चों के साथ राजगढ़ कलक्ट्रेट तक गांव से 65 किलोमीटर की पदयात्रा की. इस दौरान रास्ते में मिलने वाला हर शख्स इस परिवार को देखकर व्यथा समझने की कोशिश करता रहा.
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क्या है पूरा मामला

पीड़ित परिवार के मुखिया देव सिंह पिता रतनलाल के अनुसार जिले के खेड़ीपटेल गांव में वह परिवार सहित रहते हैं. गांव उसकी पुस्तैनी खेती है. लगभग आधा हेक्टेयर खेती में काम करके वह परिवार का गुजारा करता है. पीड़ित परिवार का कहना है कि उसकी इस खेती पर साल 2019 से गांव के कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा कर लिया था. इसके बाद मामला कोर्ट में चला. कोर्ट से उसे न्याय मिला और फैसला उसके पक्ष में आया. कोर्ट के फैसले के बाद कुछ दिन पहले इस परिवार ने खेत मे सोयाबीन की फसल बोई है. अच्छी बारिश के बाद फसल होने लगी. लेकिन दो दिन पहले गांव के ही दबंग राधाबाई पति राधेश्याम, फूल सिंह पिता प्रताप सिंह, नैन सिंन्ह पिता फूल सिंह,नटवर सिंह पिता फूल सिंह,देवराज पिता मानसिंह, समन्दर सिंह, सप्तर सिंह पिता भगवान सिंह, भगवान सिंह पिता प्रताप सिंह, मानसिंह पिता प्रताप सिंह, गोपाल पिता मानसिंह निवासी खेड़ीपटेल और छगनसिंह लाठियां-कुल्हाड़ी लेकर आए और उसकी फसल को नष्ट कर दिया.

ना पुलिस ने सुनी और न प्रशासन ने :इसकी शिकायत पीड़ित परिवार ने माचलपुर थाने के साथ ही नायब तहसीलदार से की. लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. दबंगों की गुंडागर्दी से परेशान होकर पीड़ित परिवार देवसिंह गुर्जर, बनेसिंह, मांगीलाल गुर्जर, रामकला बाई सहित बनेसिंह का चार वर्षीय पुत्र अभिनन्दन और लगभग डेढ़ वर्ष के कृष्णपाल हाथ में थाली और चम्मच बजाते हुए राजगढ़ कलेक्टर से न्याय मांगने के लिए निकल पड़े.

तहसीलदार ने आवेदन लेकर चलता किया :इस मामले में माचलपुर थाना प्रभारी जितेंद्र अजनारे का कहना है “मामला राजस्व से जुड़ा है. इसलिए जब तक क्लियर नहीं होगा कि जमीन असल में है किसकी, तब तक पुलिस कुछ नही कर सकती.” वहीं, नायब तहसीलदार का कहना है “दोनों पक्षों को बुलाया गया है. अगर कोर्ट का जो भी फैसला होगा, आदेश की कॉपी देखकर हकदारों को कब्जा दिला देंगे.” वहीं, पीड़ित परिवार चम्मच और थालियां बजाता हुआ जब कलक्ट्रेट पहुंचा तो राजगढ़ कलेक्टर की गैरमौजूदगी में तहसीलदार ने सुनवाई की. राजगढ़ तहसीलदार चंद्र कुमार ताम्रकर का कहना है “पीड़ित के आवेदन की जांच की जा रही है.”

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