भोपाल (कुंडेश्वर टाइम्स)-मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश में कहा- 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करें। ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अभी सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने होंगे।
राज्य सरकार को झटका…
राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और आज अपना फैसला सुनाया। आयोग ने ओबीसी को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी। लेकिन, राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रिपल टेस्ट नहीं करा सका। कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता। बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे।
पुनर्विचार याचिका दायर करेगी सरकार — मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए जाने के माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हुए माननीय न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करेंगे एवं आवश्यकता अनुसार पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी उनका पूरा प्रयास है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएं ।
चुनाव में अभी हो सकता है विलंब
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश सरकार के रुख को देखते हुए इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाहर हर पंचायत चुनाव होने की संभावना मध्य प्रदेश के अंदर दिखाई नहीं देती है क्योंकि माननीय न्यायालय के आदेश पर यह पुनर्विचार याचिका लगाई जाती है कि निश्चित रूप से चुनाव एक बार फिर कुछ महीने के लिए पीछे जा सकता है देखना यह होगा कि आने वाले समय में पंचायत चुनावों को लेकर के न्यायालय से लेकर से सरकार तक क्या रणनीति तैयार की जाती है