दमोह – जबेरा जनपद की ग्राम पंचायत वनवार में रहने वाले मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा मनरेगा योजना लागू की गई है जिसके तहत ग्राम पंचायत में विभिन्न विकास कार्य कराकर ग्रामीण जॉब कार्ड धारी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाता है लेकिन जनपद पंचायत जबेरा की ग्राम पंचायत वनवार में इस योजना के उद्देश्य पर पानी फिरता नजर आ रहा है कारण पंचायत मनरेगा के तहत विकास कार्य तो हो रहे हैं लेकिन मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है इस वजह से ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य शहर में पलायन कर रहे हैं हालांकि कागजी खानापूर्ति के लिए जॉब कार्ड धारी के नाम से बाकायदा फर्जी मस्टर जरूर लगाए जा रहे हैं जिसके मामले आए दिन सामने आ रहे हैं गौर करने वाली बात यह है कि लगातार मामला सामने आने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी उचित कार्यवाही तो दूर जांच करना भी जरूरी नहीं समझते ऐसा ही एक मामला जनपद जबेरा की ग्राम पंचायत बनवार से सामने आया है
*मौका पर नहीं मिली मजदूर 112 की डाली फर्जी डिमांड*
मौका स्थल का जायजा लेने पर एक भी मजदूर काम करते हुए नहीं दिखे जबकि पंचायत कर्मियों ने कागजी खानापूर्ति के लिए 112 मजदूरों की डिमांड डाली गई है यह डिमांड ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज है जनपद पंचायत जबेरा की ग्राम पंचायत में फर्जी मस्टर डालकर मजदूरों के नाम पर राशि आहरण की जा रही है जबकि मौके स्थल पर एक भी मजदूर कार्य नहीं करता है सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में कई निर्माण कार्य में भ्रष्टाचारी की गई है जैसे सीसी निर्माण , खकरी निर्माण , परकोलेशन टैंक , सुदूर सड़क , नाली निर्माण , नल जल योजना , स्वच्छ भारत मिशन जैसे निर्माण कार्य में भ्रष्टाचारी की जा रही है अगर ग्राम पंचायत की जांच की जाए तो सचिव , रोजगार सहायक एवं उपयंत्री पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि हमने देखा है कि बनवार सेक्टर के उपयंत्री सुरेश प्रजापति की ग्राम पंचायतों में कोई भी अधिकारी झांक कर देखें तो कई निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं तो कई निर्माण कर गायब हैं और कुछ निर्माण कार्य से हुए हैं जिसमें गुणवत्ता ही जैसे निर्माण कार्य की गए हैं जो कि चंद महीनों ही चल पाते हैं और क्षतिग्रस्त होकर गिर जाते हैं जब इस संबंध में ग्राम पंचायत बनवार सचिव से जानकारी ली कहना है कि हमारे बिना मनमर्जी के ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक द्वारा मस्टर डाल दिए जाते हैं और कब ग्राम पंचायत में मजदूर मजदूरी के लिए आवेदन देते हैं कब मस्टर सेंड हो जाता है मुझे पता ही नहीं पड़ता है ना ही मेरे मस्टर रोल पर सील हस्ताक्षर होते हैं और ना ही मुझे मजदूरों के बारे में कुछ पता है यह सब कुछ रोजगार सहायक को मालूम होगा