शहर से लगे क्षेत्र में 15 दिनों से तेंदुए का डेरा, दहशत में लोग,पन्ना से कुंण्डेश्वर टाइम्स ब्यूरो दिनेश गोस्वामी के साथ राजेन्द्र सिंह लोधी की रिर्पोट

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पन्ना। नोबल कोरोना कोविड- 19 वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने घोषित लाॅक डाउन व धारा 144 के चलते लोगों का घरों से निकलना लगभग बंद चल रहा है। जिससे गाड़ी-वाहन कारखाने एवं अन्य यातायात के साधन बंद हैं। शोरगुल के बजाय चारों तरफ शांति का माहौल है। शायद इसी वजह से वन्य प्राणी रिहायशी इलाकों की ओर कूच करने लगे हैं। यहां तक कि पन्ना जिला मुख्यालय में भी तेंदुए जैसे खूंखार जंगली जानवर की मौजूदगी लोगों के लिए दहशत का कारण बन चुकी है। आपको बता दें कि नगर के जगह चैकी इलाके में पुराना आरटीओ कार्यालय के पीछे स्थित कॉलोनी के पास पहाड़ी में लगभग 15 दिनों से तेंदुए की चहल कदमी बताई जा रही है, जिससे यहां के लोग भयभीत हैं। वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने डिग्गी पिटवा कर लोगों को शाम 6ः00 बजे के बाद और सुबह 6ः00 बजे से पहले घरों से निकलना मना किया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दिनभर यह तेंदुआ पहाड़ी की चट्टानों के बीच घुसा रहता है और शाम होते ही चहल कदमी सुरू हो जाती है। और रात में तो यह रिहायशी इलाके में भी घुस आता है और सुबह पहाड़ी की चट्टानों में बैठ कर आराम फरमाते हुये देखे जाने की जानकारी सामने आई है। जिससे इस इलाके में दहशत का माहौल निर्मित है, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि शायद मादा तेंदुए ने बच्चों को जन्म दिया है, इसलिए वह यहां से भाग नहीं रही, अन्यथा इतने अधिक दिनों तक रिहायशी इलाकों के नजदीक वन्य प्राणी नहीं रहते बात कुछ भी हो पर तेंदुए की मौजूदगी से नगर में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। हालांकि चंद कदमों की दूरी पर पन्ना टाइगर रिजर्व के मुख्यालय सहित उत्तर वन मंडल का मुख्यालय और दक्षिण मंडल का मुख्यालय भी है, जहां पर वन्य प्राणियों को काबू करने के सारे साजो सामान के साथ वन विभाग के अधिकारी एवं काफी संख्या में वनकर्मी मौजूद हैं, जिससे लोग शीघ्र ही तेंदुये को जगंल की ओर भगाये जाने की उम्मीद में हैं। वन विभाग के अधिकारियों के मोबाईल बंद होने एवं रेजर कौशल पाण्डेय द्वारा फोन रिसीव नहीं किये जाने से अधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी।

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