गेहूं के बोझों से लदे ट्रैक्टर में बिजली के शार्ट सर्किट से लगी आग पूरी फसल सहित टैक्टर जलकर हुआ खाक घर में आग लगने के पहले फायर ब्रिगेड ने किया कंट्रोल

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नईगढ़ी (kundeshwartimes) प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं नईगढी के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष एवं जिलहडी निवासी देवेंद्र बहादुर सिंह डांठ से लदी ट्रैक्टर में आग 11000 लाइन के तार के नीचे से गुजरते समय गेहूं के बोझे से लदी ट्रैक्टर में लगी आग जलकर खाक हो गई। बताया गया है कि ट्रैक्टर में लगे कम से कम लाखों रुपए की गेहूं की फसल एवं ट्रैक्टर भी पूरी तरह जलकर खाक हो गया है जिसके कारण कृषक देवेंद्र बहादुर सिंह के सामने एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है देखना यह है कि शासन प्रशासन इसमें क्या मदद कर सकता है।

घर में भी लगने वाली थी आग

बताया जा गया है कि आज इतनी तेज थी कि घर में भी आग लगने की स्थिति निर्मित हो गई थी लेकिन मौके पर ग्रामीण एवं फायर ब्रिगेड द्वारा बुझा लिया गया जैसे कि आप सभी जानते हैं कि गर्मी के सीजन में आग का खतरा दिन दुगना के तौर पर बढ़ने लगता है चाहे निजी कारण से आग लगती हो या फिर बिजली विभाग के खींचे हुए तार में से गर्मी के ताप के कारण शॉर्ट कर उठने वाली चिंगारी कारण चाहे जो कुछ भी हो लेकिन गर्मी के सीजन में किसानों के आए दिन नुकसान आग के चपेट से हो रही है खेत खलिहान एवं कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल करने वाले ट्रैक्टर इस चपेट में ज्यादा आ रहे हैं जिस तरह से आज कितनी मेहनत के बाद किसान चार माह का इंतजार कर फसल आने के आस में रहता है लेकिन आग किसान के दुश्मन बने किसान की फसल को ताके बैठे ही रहती है कहीं यह थोड़ी सी चूक हुई तो किसान की फसल आग के हवाले होते देर नहीं लगता है जिस तरह से आज देवेंद्र बहादुर सिंह के गल्ला एवं ट्रैक्टर सहित आग के हवाले हुए इसी तरह से गर्मी के सीजन में किसानों की फसल आग के चपेट में आ जाती है सबसे बड़े दुश्मन बने आग से किसानों को सतर्क एवं सावधान रहना जरूरी है।

लगातार क्षेत्र में हो रही है आगजनी की घटनाएं

गेहूं के फसल के सीजन में जैसे ही फसल की कटाई का समय आता है इस समय गर्मी के तापमान से बिजली से शार्ट सर्किट होने के कारण किसानों के खेत खलिहान इतिहास में आग लगने का दौर भी शुरू हो जाता है प्रतिवर्ष किसानों को इस दुर्दशा से गुजरना पड़ता है कई किसान इस तरह की घटनाओं का शिकार होते चले आ रहे हैं परंतु शासन प्रशासन द्वारा किसानों को इस आपदा से बचने के लिए कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किए गए लिहाजा किसानों को स्वयं ही सावधानी रखकर अपनी सुरक्षा करनी पड़ेगी एवं बिजली के तरवा खाबो से दूरी बनाकर ही फसल को बचाने का एकमात्र उपाय है।

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