रीवा(kundeshwartimes)_ मुख्यालय रीवा के नाक के नीचे संकुल प्राचार्य हरदी कपसा के अधीन संचालित माध्यमिक विद्यालय बीरखाम गौतमान में भू माफियाओं द्वारा जबरन विद्यालय की लगभग 50 ढिसमिल जमीन पर बलदाऊ पिता हरिवंश तिवारी सहित 1,2 अन्य ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है । सन 1956 से संचालित इस सबसे प्राचीन विद्यालय अब अपनी पहचान के लिए तरस रहा है ।
आजादी के एक दशक बाद से अस्तित्व में आया यह स्कूल अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाते अपने परिचय के लिए कराह रहा है ।70 साल पुराने इस विद्यालय का आराजी क्रमांक 607 तथा रकवा 296 आरे (७३ ढिसमिल) है । विद्यालय पर बुरी नजर रखने वाले भू माफिया इस पवित्र जमीन को वहां पदस्थ शिक्षाविदों की सहायता से न सिर्फ भूमि को अतिक्रमित कर लिया है बल्कि खिड़की दरवाजा तक का सौदा कर लिया गया है ।
भू माफियाओं को आमंत्रण देने में विद्यालय इन स्टाफ की भूमिका संदिग्ध
पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में पदस्थ स्टाफ ही अतिक्रमण कारियों को आमंत्रित कर रहे हैं । सबसे अहम बात यह कि पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले छात्रों में हरिजन, आदिवासी , और पिछड़ा वर्ग के बच्चे ही इस विद्यालय में आते हैं । इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से घर से दूर स्थित कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ पाना इनके लिए माली हालत के चलते संभव नहीं है ।
प्रदेश सरकार इन्ही गरीब बच्चों के उत्थान और इनका जीवन स्तर सामान्य बनाने के लिए अथक प्रयास का दिखावा करती है किंतु वह सब सरकारी प्रयास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं ।
इस विद्यालय में पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों की संख्या 100 से भी कम है जबकि सरकार द्वारा नियुक्त मास्टरों सहित खर्च करीब 5 लाख रुपए प्रति माह है इस दृष्टिकोण से मास्टरों को अवैतनिक कार्यवाही की जा सकती है ,। इस विद्यालय के बेतहाशा अतिक्रमण की शिकायत सी एम हेल्प लाइन भोपाल , तत्कालीन जिला कलेक्टर रीवा श्री मती प्रतिभा पॉल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री उपाध्याय, पूर्व तहसीलदार सेमरिया अजय मिश्रा, तत्कालीन तहसीलदार राजेश शुक्ला , प्राचार्य हरदी कपसा सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के पास पंहुचने के बाद सरकार के नुमाइंदे कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं । उक्त विद्यालय में की में अतिक्रमण करने वाले भू माफियाओं द्वारा शिकायत कर्ता को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं । अतिक्रमण करने वाले गुंडे शिकायत करने वाले को गोलियों से भून डालने की खबर शिकायत कर्ता तक भेज रहे हैं । इस प्रकार के सनसनी खेज मामलों में जिला प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता का मौन धारण उनके गले की फांस बन सकता है । इस शासकीय विद्यालय के पुनरूत्थान के लिए स्कूल की जमीन के रकबे में विद्यालय का नाम अंकित कर पुलिस बल के साथ सीमांकन कराए जाने की मांग ग्राम वासियों द्वारा की गई है किंतु इस बीच स्कूल की जमीन में अतिक्रमण करने वालों द्वारा किसी अप्रिय वारदात को अंजाम दिया जाता है तो सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी साथ ही अगर 1 माह के अंदर अगर स्कूल से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो कलेक्टर कार्यालय के प्रांगण में भूख हड़ताल के द्वारा प्रशासन को जागने के लिए ग्रामीण जनता बाध्य करेगी ।