जबेरा / ग्राम पंचायत मनगुवा मानगढ़ के सचिव सरपंच एवं ठेकेदार की मिलीभगत से खकरी निर्माण में हो रही भ्रष्टाचारी एवं फर्जी मास्टर डालकर 63 मजदूरों की निकाली जा रही है राशि और मौके स्थल पर एक भी मजदूर नहीं पाया गया/कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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‌ *बिना परमिशन के जंगल के पत्थर उठाकर किया जा रहा है खकरी का निर्माण ठेकेदारों के लग रहे हैं टिन नंबर*

जबेरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत मनगुवा मानगढ़ में हो रहा है पत्थरों का अवैध खनिज संपदा का लगातार दोहन हो रहा है जिससे आज केवल यह खनिज संपदा के नाम पर कई ट्राली जंगल से अवैध रूप से पत्थर आ रहा है इस संपदा को खत्म करने में सरपंच सचिव एवं वन विभाग भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं ग्राम पंचायत एवं वन विभाग की मिलीभगत से जंगल की शान वहां फेले पत्थर होते हैं जिनका बड़े स्तर पर पंचायतों के कार्य में परिवहन हो रहा है एवं फर्जी मास्टर डालकर मजदूरों की निकाली जा रही है राशि मौके स्थल पर नहीं पाये गये एक भी मजदूर लेकिन कागजों पर मजदूर काम कर रहे हैं ऐसी कोरोना महामारी में गांव के मजदूरों को नहीं मिल रहा है रोजगार और फर्जी मास्टर डालकर किया जा रहा है निर्माण कार्य मजदूरों का पेट काटकर भर रहे हैं अपनी जेब और

बिल लगाकर भुगतान किया जा रहा है इससे जंगल की भूमि पर भी कब्जा हो रहा है दर असल शासन के द्वारा मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य पंचायतों में पैसा जारी किया है जिससे खकरी निर्माण करनी है और मजदूरों को रोजगार देना है लेकिन सचिव सरपंच जंगल के पत्थर उठाकर खकरी निर्माण करवाकर पत्थर खरीदे के बिल लगा रहे हैं पहले शांति धाम में फिर खेल मैदान में लगने लगे हैं पत्थर ग्राम पंचायत में जंगलों के पत्थरों से शांति धाम का निर्माण कराया गया अब खकरी का निर्माण किया जा रहा है खकरी के लिए पत्थरों को जंगल से उठाया जा रहा है

इसके बाद भी वन विभाग और राजस्व विभाग की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है खकरी बनाने के बाद बिलवेडर के बिल लग रहे हैं

और जो खकरी निर्माण हुआ है उसमें नीचे नी नहीं खोदी गई है और निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था और खकरी निर्माण में मिट्टी नहीं भरी गई है ऐसे ही पत्थर जमा दिए और ऊपर से जो डीपीसी डाली गई है उसमें मिट्टी जैसे बजरे का उपयोग किया गया भ्रष्टाचार में कहीं कसर नहीं छोड़ रहे सचिव रोजगार सहायक और सरपंच

ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं एवं जंगल के पत्थर अवैध उत्खनन कर अपनी जेब भरने में लगे हुए लेकिन मौके स्थल पर जाकर जनपद पंचायत जबेरा कभी निरीक्षण नहीं करती आओ कभी कबार करते भी हैं तो सांठगांठ से सब हो जाता है और ग्राम पंचायत जिसका उद्देश्य है कि सार्वजनिक स्थानों का घेराव किया जाए इसमें किसानों के खेतों का घेराव करना है इससे खकरी निर्माण में जो पत्थर लग रहा है वह जंगल से लाया गया है जब इसकी जानकारी मिली तो मैं वहां पर गया अन्य ग्राम पंचायतों में भी जंगल का पत्थर लग रहा है बन कर्मी भी मोन है नहीं कर रहे कोई कार्यवाही जिस में लगने वाला पत्थर खरीदा गया है अब सवाल यह है कि यदि जबेरा जनपद पंचायत में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है एवं वन विभाग की मिलीभगत से जंगलों का हजारों ट्राली पत्थर प्रतिदिन लगाया जा रहा है ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य में एवं जमीन पर कहीं पत्थर नहीं हो तो जंगल से पत्थर लाए जा रहे हैं फिर जंगल की रखवाली करने वाले वन कर्मी क्या कर रहे हैं पत्थरों का ग्राम पंचायत में अवैध रूप से खनन हो रहा है हो रहा है

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