महात्मा गांधी स्व सहायता समूह कुम्हारी में नहीं मिली महिला, किसानों से लिए जा रहे हैं पैसे/‌‌‌‌‌‌‌ कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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पटेरा तहसील के अंतर्गत धान खरीदी केंद्र बनाए यह कार्य मिला समूह के द्वारा केंद्रों का संचालन किया गया लेकिन कुछ समूह से मिले की संचालक महात्मा गांधी स्व सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिव केंद्रों पर नहीं थे उनके परिजन एवं गांव के लोगों के द्वारा केंद्र संचालित हो रहे जबकि आजीविका मिशन के थ्रू महिलाओं को यह केंद्र दिए गए थे जिससे महिलाएं आगे बढ़े लेकिन महिलाएं आगे नहीं बढ़ रही हैं उनके परिजन आएंगे जरूर पढ़ रहे हैं पटेरा के ऐसे ही एक खरीदी केंद्र कुम्हारी मैं महात्मा गांधी स्व सहायता समूह को धान खरीदी केंद्र मिला धान खरीदी केंद्र तो मिल गया

लेकिन उनके पास जगह नहीं थी तो उन्होंने खेत में यह केंद्र संचालित किया सर्वे अन्य कैसा सर्वे किया कि खेत में धान खरीदी केंद्र संचालित करने की परमिशन देदी संचालित करने के लिए
समूह संचालक के परिजन एवं ग्राम के कुछ लोग जबकि महिला अध्यक्ष को पता ही नहीं है कि कितनी धान हमने खरीदा और कितने किसानों को पैसों का भुगतान होगा कुम्हारी केंद्र में वहां से सिर्फ स्थानीय लोग थे वहां के मिलन अहिरवार किसान ने बताया कि धान खरीदी केंद्र में मनमानी चल रही है और किसानों से कोन्टल के हिसाब से पैसे लिए जा रहे हैं और छोटे किसानों का ना नंबर ना ही मैसेज आ रहे और जो बड़े किसानों हैं उनकी धान को जल्दी भरा जा रहा है क्योंकि वहां पर समूह संचालक नहीं है उनके परिजन के द्वारा किसानों से पैसे लिए जा रहे हैं चाहे धान अच्छी हो या फिर खराब सब चल रही है गरीब किसानों को परेशान किया जाता है सांठगांठ से खराब धान को भी मिक्स कर लेते हैं और किसी को पता ही नहीं चलता है खरीदी केंद्रों में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है

जब इस संबंध में आजीविका मिशन के जिलाअधिकारी शरदगौतम से बात की तो उनका कहना है अगर ऐसा है तो संबंधित समूह की लापरवाही अगर बरती जा रही है संबंधित समूह पर कार्यवाही भी की जाएगी समूह संचालक महिलाएं अगर उपस्थित नहीं हो रही है केंद्रों पर उन पर भी कार्यवाही की जाएगी

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