*Cm हेल्पलाइन शिकायत एवं जांच आवेदन देने के बाद भी अधिकारी नहीं कर रहे कार्यवाही* सचिव , सरपंच एवं उपयंत्री की मिली भगत से कई लाखों की पुलिया चड़ी भ्रष्टाचार की भेंट / कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह पटेरा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत इटवाहीरालाल सरपंच सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में जम के भ्रष्टाचार किया गया पुलिया निर्माण में लाखों रुपए की राशि हड़प अगाई पुलिया ऐसी निर्माण की उसकी जांच हो जाए तो अधिकारी लेकर भी निकल जाते हैं पंच परमेश्वर से यह राशि ग्राम पंचायत को मिली थी जिससे ग्राम पंचायत विकास कार्य हो सके शासन द्वारा यह राशि पंच परमेश्वर से ग्राम पंचायत को प्राप्त हुई राशि भी बाकायदा ग्राम पंचायत के पास पहुंच गई लेकिन ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव , उपयंत्री , इस राशि को हड़पना चाहते थे निर्माण कार्य में अपनी मनमानी से राशि को हड़प्पा भी क्योंकि निर्माण कार्य आज की स्थिति में खत्म है

अगर उस निर्माण कार्य की जांच उच्च स्तर से की जाए निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही हो जाएगी लेकिन अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा सरपंच , सचिव के भ्रष्टाचार में जमके भूमिका है क्योंकि सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई एवं शिकायत आवेदन दिया की समस्त निर्माण कार्यों की जांच की जाए लेकिन आज तक जनपद पंचायत पटेरा सीईओ द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है सचिव , उपयंत्री, अपनी मनमानी ग्राम पंचायत में कर रहे हैं ग्राम पंचायत इटवाहीरालाल में लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है ग्राम पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य किए गए हैं मोका का फायदा उठा रहे हैं निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने से कहीं भी खतरा नहीं है क्योंकि वह ग्राम पंचायत में कोई भी जनपद पंचायत पटेरा सीईओ कभी भी ग्राम पंचायत का भ्रमण नहीं करते इस कारण उन्हें अपने ऊपर कार्यवाही होने का कोई भी डर नहीं है इस कारण लगातार निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं जो कि इटवा हीरालाल से रेवझाकला की ओर सिंदूर सड़क पर लगभग 14 लाखों की पुलिया निर्माण में लोकल रेत, बजरा और पत्थर को लगाकर पुलिया निर्माण किया जबकि शासन की गाइड लाइन के अनुसार निर्माण कार्य में सामग्री का उपयोग नहीं किया गया

क्योऐ भ्रष्टाचार में उपयंत्री की भी मिलीभगत है इस कारण इन पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाती क्योंकि अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से या भ्रष्टाचार का पैमाना चल रहा है

इस संबंध में अधिकारियों से बात करना उचित नहीं समझा क्योंकि उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता है कोई कार्यवाही नहीं की जाती है

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