रायपुर(kundeshwartimes)- कोल लेवी वसूली और मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित बनाए गए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह और भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका ईडी की विशेष कोर्ट से खारिज हो गई है। इसके साथ ही दोनों की गिरफ्तारी अब तय मानी जा रही है। अब इस मामले की सुनवाई दो मार्च को होगी।
ईडी के अधिवक्ता धीरेंद्र नंदे ने बताया कि कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह के वकील ने अग्रिम जमानत आवेदन पत्र में विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष यह तर्क दिया था कि आरपी सिंह राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता हैं और उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। कोल घोटाले से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनके पक्षकार ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उपस्थित हुए हैं तथा सहयोग करते रहे हैं, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाए। इस तर्क का ईडी के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि प्रकरण की जांच जारी है। पूछताछ और जांच में मिले इनपुट के आधार पर ही उन्हें आरोपित बनाया गया है। आरपी सिंह ने पूछताछ में खुद कबूल किया था कि उन्हें मीडिया मैनेजमेंट के लिए और पार्टी फंड से पैसा दिया गया था।
आरोपित निखिल चंद्राकर ने दिया पैसा
कोल मामले में आरोपित निखिल चंद्राकर ने भी कोल स्कैम का पैसा आरपी सिंह को देना स्वीकार किया था। इस पैसे को वह प्रदेश नेतृत्व के नेताओं द्वारा बताए गए लोगों को बांटता था। चूंकि मामला मनी लांड्रिंग का है इसलिए अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाए। न्यायालय ने बचाव पक्ष और ईडी की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्क सुनने के बाद प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम आवेदन खारिज कर दिया। इससे पहले इसी मामले में भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की ओर से न्यायालय में पेश किए गए अग्रिम जमानत आवेदन को भी खारिज किया जा चुका है।
11 लोगों को बनाया गया है आरोपित
गौरतलब है कि ईडी ने कोयला घोटाले और मनी लाड्रिंग मामले को लेकर बीते वर्ष सितंबर महीने में पेश दूसरे पूरक अभियोजन परिवाद में 11 लोगों को आरोपित बनाया है। इनमें भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय सहित अन्य नौ शामिल हैं। इन 11 आरोपितों में से ईडी निलंबित आइएएएस रानू साहू, निखिल चंद्राकर को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।