आपदा की घड़ी में ग्राम पंचायतें नियमों को दिखा रहीं हैं ठेंगा,”आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 53 का धड़ल्ले से हो रहा है उल्लंघन”कुंण्डेश्वर टाइम्स डिप्टी हेड विकास भारद्वाज की कलम से

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने हेतु सरकार द्वारा तरह-तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं वही इस बीच ग्राम पंचायतों को भी ग्रामीण स्तर पर मोर्चा संभालने हेतु आदेशित किया गया है।जहां 5 वर्ष तक योजनाओं की खटिया खड़ी करने वाली पंचायतें आपदा काल में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही हैं।एक ओर विविध सामाजिक संगठन अपने मानवीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए विविध प्रकार की सेवाओं में संलग्न है। इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री के आवाहन पर राहत कोष में यथाशक्ति दान भी दिया जा रहा है।
मऊगंज जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली दर्जनों पंचायतों में मास्क वितरण एवं सैनिटाइजर के छिड़काव के नाम पर शासकीय आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है।जहां एक ओर भोली-भाली जनता के साथ छलावा किया जा रहा है तो वही उक्त कारनामों की वजह से कोरोना जैसी महामारी को भी आमंत्रण दिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत सचिव एवं सरपंचों की मिलीभगत से जहां अमानक स्तर के मास्क वितरण कर खानापूर्ति की जा रही है तो वही सैनिटाइजर के छिड़काव करने की बजाय उसे अपने तिजोरी में भरने का भी कार्य किया जा रहा है।विविध ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा शिकायत की जा रही है की सरपंच सचिव द्वारा एक घर-एक मास्क नियम के साथ अमानक स्तर के मास्क का वितरण किया जा रहा है। सैनिटाइजर के नाम पर एक दिन कुछेक ग्राम पंचायतों में छिड़काव कर दिया गया है इसके साथ ही सैनिटाइजर का वितरण ग्रामीणों को नहीं किया जा रहा है।
अब सवाल खड़ा होता है की जिस परिवार में 6 सदस्य निवासरत हैं वह एक मास्क लगाकर किस प्रकार से इसको रोना महामारी से युद्ध करेंगे। पंचायतों द्वारा सैनिटाइजर का वितरण ना करना भोली-भाली जनता को महामारी के दौर में बीमारी के आगोश में धकेलने जैसा प्रतीत हो रहा है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि कब तलक प्रशासन की आंखें खुलती हैं और पंचायतें एवं पंचायत कर्मी आदेशों के साथ ढर्रे में आते हैं या फिर अमानवीयता का यह खेल यूं ही जारी रहेगा।

विकास भारद्वाज, डिप्टी हेड कुंण्डेश्वर टाइम्स

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