छात्राओं की परेशानी देख बनवाई सीधी सड़क, गांव से स्कूल की दूरी 18 किलोमीटर से घटकर सिर्फ 2 किलोमीटर रह गई,पन्ना से राजेन्द्र सिंह लोधी की खास रिर्पोट

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पन्ना जिले की ग्राम पंचायत रनवाहा का मामला

रनवाहा से कुलुआ ग्राम तक खेतों के बीचों-बीच से बनाई नई सड़क


महिला सरपंच की सराहनीय पहल पर गांवों के किसानों ने दी भूमि,रनवाहा के लिए यह रोड संजीवनी साबित होगी

पन्ना। मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और इरादा नेक हो तो हर मुश्किल असान हो जाती है। ग्राम पंचायत के ग्रामों का आवागमन बंद था, यह कहावत जिले की जनपद पंचायत पन्ना की ग्राम पंचायत रनवाहा की महिला सरपंच राजकुमारी राजा महदेले पर चरितार्थ होती है। पंचायत की बेटे-बेटियों को हायर सेकेण्डरी स्कूल बराछ जाने के लिए 18 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। इस तरह स्कूल आने-जाने के 36 किलोमीटर के बेहद कठिन थकान भरे सफर से होने वाली परेशानी छात्र-छात्राओं को निजात दिलाने के लिए महिला सरपंच ने विशेष प्रयास कर खेतों के बीच से सीधी सड़क का निर्माण कराया है। नई सड़क के बनने से कुलुआ गांव से बराछ स्थित स्कूल की दूरी घटकर महज 4 किलोमीटर रह गई है। यानि अब रनवाहा पंचायत के छात्र-छात्राओं को स्कूल आने जाने के लिए औसतन 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ रहा है। नई सीधी सम्पर्क सड़क के बनने से सिर्फ स्कूली छात्र-छात्रायें नहीं गांव और क्षेत्र के तमाम लोगों ने खुशी जाहिर की है। साथ ही नई सड़क के निर्माण के लिए सरपंच को अपनी ओर से पूर्ण सहयोग देते हुए रास्ते में जिन किसानों के खेत पड़े है उनके द्वारा सड़क निर्माण की सहर्ष सहमति दी गई है।लगभग 45 से 50 किसानों द्वारा नि जमीन दी गई। उल्लेखनीय है कि कुल्हुआ से रनवाहा तक बनी 2 किलोमीटर से अधिक लम्बाई वाली सड़क में सिर्फ एक किलोमीटर सड़क ही मनरेगा से स्वीकृति हुई है। शेष सड़क का निर्माण कार्य महिला सरपंच राजकुमारी राजा महदेले द्वारा जन भागीदारी से कराया गया जा रहा है। सड़क पर मिट्टी बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। अब उस पर मुरूम की परत बिछाकर समतलीकरण कराया जाना है। नई सड़क के निर्माण से पंचायत के दोनों गांवों के बीच की दूरी घट गई है और लम्बा चक्कर लगाने से लोगों को निजात मिल गई है। वहीं इस सड़क के बनने से श्रमिकों को कोरोना संकटकाल में रोजगार भी मिल रहा है। कुल्हुआ और रनवाहा के बीच शाॅर्टकट सीधी सम्पर्क सड़क का बहुप्रतीक्षित निर्माण होने से दोनों गांवों के लोगों का आवागमन जहां सुगम हो गया है वहीं उनके समय और श्रम की भी बचत हो रही है। नई सड़क निर्माण से बराछ, गुनौर सहित अन्य कई स्थानों की दूरी घट गई है। नवीन सड़क निर्माण कार्य में ग्रामीण किसानों का सराहनीय योगदान रहा।

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