छीरापटपर के जंगल में रोड पार करते दिखे सैकडो चीतल,अक्सर होते दुर्घटना के शिकार,अनेको वार सुझाव के बाद भी नहीं हो पा रहा इंतजाम।। ब्यूरो गिरीश राठौर की रिपोर्ट

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अनूपपुर/शहडोल (kundeshwartimes) -अमरकंटक मुख्य मार्ग के मध्य ग्राम पंचायत सकरा के छीरापटपर जंगल में अक्सर सैकड़ो की संख्या में चीतलो का समूह देर रात जंगलों से निकलकर आसपास के गांव में खेतों में लगी विभिन्न तरह की फसलों को अपना आहार बनाते सुबह होने पर वापस जंगल की ओर फिर से मुख्य मार्ग पार कर जाते हैं जिससे आए दिन तेज गति से चलने वाले वाहनों की चपेट में आकर वन्यप्राणी दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं,विगत शुक्रवार एवं शनिवार की मध्य रात्रि छीरापटपर जंगल के समीप सैकड़ो की संख्या में चीतलो का समूह बघमडिया के जंगल पहाड़ की ओर से मुख्य मार्ग को पार कर वकान नदी की ओर तेजी से दौड़ते-भागते जाते दिखे यह नजारा अनूपपुर जिला मुख्यालय के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल ने अनूपपुर निवासी मो,रईस खान की जमुडी स्थित फार्म हाउस के किचन में छिप कर बैठे पांच फीट लंबे धामन सांप का देर रात रेस्क्यू कर रात में ही स्वतंत्र विचरण हेतु जंगल में छोड़ने जाते एवं लौटते समय कई अलग-अलग समूहों में सैकड़ों की संख्या में चीतलो को रोड पार करते देखा जिस पर उनके द्वारा अपना वाहन धीमी कर आने एवं जाने वाले वाहनों को टॉर्च के सहारे इशारा करते हुए चीतलो के समूह को रोड पारकर चले जाने बाद वाहनों का आगमन प्रारंभ कराया।


ज्ञातव्य है कि विगत कई वर्षों से शांकाहारी वन्यजीव हिरण प्रजाति के चीतल बड़ी संख्या में छीरापटपर,किरर,औढेरा,बडहर,निंदावन एवं अन्य स्थानों में है जो दिन भर जंगलों में बिताने बाद रात में आहार की तलाश में निकाल कर रोड पारकर खाने,पानी पीने बाद सुबह होने के पर फिर से जंगलों की ओर अलग-अलग समूह बनाकर वापस लौट जाते हैं इस दौरान अक्सर तेज गति से चलने वाले वाहनों से टकराने पर कई चीतलो की स्थल पर मौत हो चुकी है एवं कई गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं वन्य प्राणियों की अधिकता एवं उनकी सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग का मैदानी अमला वनरक्षक,परिक्षेत्र सहायक एवं वन्य जीवों से प्रेम रखने वाले जागरूक नागरिकों,वन्यजीव संरक्षको द्वारा वन विभाग के जिला एवं संभाग स्तर के अधिकारियों के समक्ष अनेकों बार चीतल बहुल्य इलाके जो मुख्य मार्ग के मध्य पडते हैं के दोनों और बारबेट बायर या अन्य किसी तरह की फेंसिंग बाउंड्री बनाया जाकर सुरक्षित किए जाने की अपेक्षा की गई किंतु वर्तमान समय तक वन विभाग के बड़े अधिकारी इस दिशा में अनेकों प्रस्ताव के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं घट रही है वही वन परिक्षेत्र अनूपपुर के जमुडी,किरर आदि वन वीटो जिसमें चीतलो की अधिकता है में पदस्थ वनरक्षक,सुरक्षाश्रमिक जो दिन में वनों की सुरक्षा के साथ अन्य दायित्वो में व्यस्त रहने के कारण रात्रि समय कम ग्रस्त कर पाते हैं जिससे दुर्घटनाओं की जानकारी विभाग के कर्मचारियों को राहगीरों एवं अन्य माध्यमों से मिल पाता है पिछले दिनों एक मादा चीतल की देर रात मुख्य मार्ग को पार करते समय अज्ञात वाहन की ठोकर से इसी स्थल पर मौत हो चुकी है।

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