फर्जी तरीके से ईलाज करने वाले झोला छाप डॉक्ट र को अपील न्याायालय द्वारा भेजा गया जेल

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फर्जी तरीके से ईलाज करने वाले झोला छाप डॉक्ट र को अपील न्याायालय द्वारा भेजा गया जेल

मनीष वाघेला
जिला मीडिया प्रभारी (अभियोजन) सुश्री सूरज वैरागी द्वारा बताया गया कि दिनांक 13.02.2011 को सामुदायिक स्वापस्य्श् केन्द्र थांदला में पदस्थ डॉक्टर कमलेश परस्तेम को टीम का प्रभारी बनाकर थांदला में अवैध रूप से ऐलोपैथी पद्धति से चिकित्साा व्यवसाय कर रहे थे। अभियुक्त विमल कुमार के क्लिनिक पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, जिस पर डॉक्टर कमलेश परस्तेु, तहसीलदार निधि वर्मा एवं दल के अन्या सदस्यो के साथ अभियुक्त के क्लिनिक पर पहुँचे, जहॉं अभियुक्त उपस्थित मिला उसके क्लिनिक की जांच करते, क्लिनिक में ऐलोपैथिक दवाईयॉं पाई गई, अभियुक्त से पूछताछ करने पर उसने इलेक्ट्रो होम्यो पैथी की डिग्री होना बताया, किंतु मौके पर उक्त डिग्री नहीं पाई गई थी तथा अभियुक्त इलेक्ट्रो होम्यो पैथी की डिग्री होने के बावजूद भी ऐलोपैथी पद्दति से चिकित्सार अनुसार ईलाज करते पाया गया। मौके पर कार्यवाही करने के दौरान क्लिनिक पर 4-5 मरीज ईलाज करवाने भी आये। मौके पर पंचनामा बनाया गया तथा अन्ये कार्यवाही उपरांत डाक्टिर कमलेश ने एक आवेदन थाना प्रभारी थांदला को मय पंचनामा अभियुक्तन के बयान व जप्तं दवाईयों की सूची एवं दवा सीलबंद कर प्रेषित की, जिस पर से पुलिस थाना थांदला में अभियुक्तज के विरुद्ध थाना थांदला में धारा 24 म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय थांदला के समक्ष पेश किया गया, जहां विचारण के पश्चाेत अभियुक्त को दोषी पाते हुये विचारण न्यायालय थांदला द्वारा अभियुक्त को म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम की धारा 24 के अंतर्गत दोषी पाते हुये आरोपी को दंडित किया गया था। विचारण न्या यालय के सजा के निर्णय के विरुद्ध आरोपी द्वाराजिला एवं सत्र न्यागयाधीश श्री राजेश कुमार गुप्ता साहब, जिला झाबुआ के न्यायालयमें प्रस्तु्त की गई थी।अपील न्यायालय द्वारा अपील निराकृत करते हुए इस आधार पर कि आरोपी विमलचंद ने अपना नाम राज्यन चिकित्सा रजस्टिर में अंकित करवाये बिना तथा इलेक्ट्रोन होम्योपैथी की पंजीबृत डिग्री होने के बावजूद भी पूर्ण रूप से ऐलोपैथी पद्धति से ईलाज करते पाया गया था, ऐसी स्थिति में अपील न्या्यालय द्वारा आरोपी की अपील खारिज करते हुए 3 माह के सश्रम कारावास एवं 1000/- रुपये के अर्थदण्डर से दंडित कर माननीय अपील न्याायालय द्वारा आरोपी झोला छाप डॉक्टर का जेल वारंट बनाकर जेल पहुँचा दिया किया गया।
यह ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व में भी जिले में श्रीमान जिला दण्डाकधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा मुहिम चलाकर झोला छाप डॉक्टरों के विरुद्ध अवैध रूप से ईलाज कर व्यवसाय करने वाले फर्जी चिकित्स कों के विरुद्ध अभियान चलाया गया था।

सुश्री सूरज वैरागी, एडीपीओ
जिला मीडिया प्रभारी (अभियोजन)
जिला झाबुआ (म.प्र.)

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