मठवाला कुआ गरबा महोत्सव समिति ने कराया कन्याभोज स्व. पुनमचंदजी मिस्त्रीकी स्मृति में परिवार ने लाभ लिया। नगर में कन्या भोज का प्रथम आयोजन।

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मठवाला कुआ गरबा महोत्सव समिति ने कराया कन्याभोज

स्व. पुनमचंदजी मिस्त्रीकी स्मृति में परिवार ने लाभ लिया।

नगर में कन्या भोज का प्रथम आयोजन।

मनीष वाघेला

थांदला  मठवाला कुआ गरबा महोत्सव समिति द्वारा प्रतिदिन अम्बे माता मन्दिर प्रांगण पर आयोजन किये जा रहे है। इन आयोजन में ख्याति प्राप्त सेलिब्रिटी शामिल हो रही है वही स्थानीय अम्बे माता भक्तों द्वारा गरबों का आनन्द लिया जा रहा है। आज दुर्गाष्टमी पर विशाल कन्याभोज का आयोजन किया गया जिसमें करीब 400 से अधिक कन्याओं की समिति सदस्यों ने वंदना कर उन्हें भोजन कराया तथा प्रभावना वितरित की गई। आजके इस कन्या भोज के लाभार्थी स्व. पूनमचंद मिस्त्री की स्मृति में अनिमेष मिस्त्री एवं विजय मिस्त्री परिवार ने लिया। आयोजन में नगर के समाजसेवी सुनील पाणदा, ज्योति भदाले, प्रताप कटारा, बंटी अमलियार सहित मठवाला कुआ समिति सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा। उक्त जानकरी समिति के मीडिया प्रभारी सुधीर शर्मा एवं मनीष वाघेला ने दी।

स्मरण रहे कि नवरात्रि के दिनों में क्रमशः शैलपुत्री माता, ब्रह्मचारिणी माता, चंद्रघंटा माता, कूष्मांडा माता, स्कंदमाता, कात्यायनी माता, कालरात्रि माता, महागौरी और सिद्धिदात्री माता का पूजन किया जाता है। अष्टमी या नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री के पूजन के साथ कन्या भोज कराने के बाद नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है। इस बार नवरात्रि की अष्टमी, नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इन कन्याओं या कंजकों को माता दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार कन्या पूजन में कन्याओं की आयु का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

धार्मिक मान्यता के अनुसार कंजक पूजन के लिए 02 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। इसके साथ ही एक बालक को भी आमंत्रित करें। इन नौ कन्याओं को मां दुर्गा के नौ स्वरुप और बालक को बटुक भैरव का स्वरूप मानकर पूजन किया जाता है।

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