रेत खदानो के सीमांकन को लेकर खनिज तथा राजस्व विभाग के बीच तकरार,देवसर तहसीलदार ने कहा ठेकेदार नही करा रहे सीमांकन।।कुंडेश्वर टाइम्स प्रदेश संवाददाता अनुराग द्विवेदी की रिपोर्ट

खनिज विभाग के सर्वेयर मुनेंद्र पटेल ने कहा मैं स्वयं जीपीएस सिस्टम से किया हूं सीमांकन

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लीज से बाहर रेत उत्खनन करने का आरोप

 

सिंगरौली(kundeshwartimes) सिंगरौली जिले में रेत खदानों का नया टेंडर होने के बाद रेत का उत्खनन प्रारंभ हो चुका है,लेकिन शुरू से ही राजस्व एवं खनिज विभाग के बीच तकरार देखी जा रही है,दरअसल हुआ यूं कि ठेकेदार ने रेत खदानों का अभी तक कोई सीमांकन नही कराया है और मनमर्जी तरीके से उत्खनन कार्य शुरू कर दिया है,प्रमुख रूप से महान नदी देवसर की रेत खदानों में इस तरह का गंभीर आरोप इन दिनों लगाया जा रहा है,इस संबंध में तहसील देवसर बीके पटेल ने कहा कि अभी तक ठेकेदार या खनिज विभाग से कोई भी पत्र नही आया है और खदान में जाकर ठेकेदार के कर्मचारियों से पेपर लेकर दफ्तर आने को बोला गया था लेकिन अभी तक नही आए तहसीलदार ने यह भी कहा कि मुझे अभी तक खदानों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है इस वजह से रेत ठेकेदार द्वारा मनमानी की जा रही है,इधर खनिज विभाग के सर्वेयर मुनेंद्र पटेल ने विंध्य सत्ता से कहा कि राजस्व विभाग से बार बार खदानों का सीमांकन कराने की कोई जरूरत नही है मैं जीपीएस सिस्टम से स्वयं सीमांकन किया हूं,कुल मिलाकर इन दिनों खनिज तथा राजस्व विभाग के बीच खदानो के सीमांकन को लेकर तकरार स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है

लीज से बाहर रेत उत्खनन करने का आरोप

रेत खदानों का सीमांकन इस वर्ष राजस्व विभाग से न करने की वजह से खदानों के सीमा का कोई अता पता नहीं है ऐसी स्थिति में रेत का उत्खनन लीज क्षेत्र में हो रहा है या लीज से बाहर हो रहा है इसकी जांच करने में जिम्मेदारों को समस्या हो रही है,उधर आसपास के लोगों ने आरोप लगाया है कि कारी तथा जियावन में लीज क्षेत्र के बाहर रेत का उत्खनन हो रहा है

फिर क्यों नहीं करा रहे सीमांकन ?

रेत खदानों का सीमांकन राजस्व विभाग से नही कराने पर अब तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं माना जा रहा है कि कही ऐसा तो नहीं है कि लीज क्षेत्र में रेत ही नहीं है और सीमांकन कराने के बाद सीमा निर्धारित हो जायेगी इसके बाद सीमा से बाहर रेत उत्खनन करने में समस्या होगी,यदि यही वजह है तो फिर निश्चित रूप से पूरी तरह से अवैध उत्खनन किया जा रहा है,और यदि लीज क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में रेत है तो फिर सीमांकन कराने में क्यों दिक्कत हो रही है फिर तो आसानी से सीमांकन करा लेना चाहिए

दोनो विभागों में बढ़ेगा तकरार

यदि यही स्थिति रही तो निश्चित रूप से खनिज तथा राजस्व विभाग के बीच टकरात बढ़ने की आशंका को नही नकारा जा सकता,क्योंकि जब रेत ठेकेदार द्वारा खनिज विभाग के संरक्षण में मनमानी तरीके से रेत का उत्खनन किया जाता रहा तो निश्चित रूप से राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने स्तर से जांच एवम कार्यवाही करेंगे,ऐसी स्थिति में दिनों विभाग आमने सामने होंगे

महान नदी का अस्तित्व खतरे में

अब माना जा रहा है कि जब तक रेत खदानों का सीमांकन नही कराया जायेगा तो निश्चित रूप से अवैध उत्खनन करने की पूरी संभावना बनेगी,ऐसी स्थिति में महान नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ना स्वाभाविक है

इनका कहना है

अभी तक किसी भी रेत खदानों का सीमांकन नही कराया गया है और ना ही कोई पत्र दिया गया है,पिछले दिनों मेरे द्वारा ठेकेदार के कर्मचारियों से खदान संबंधित पेपर लेकर दफ्तर मे बुलाया गया था लेकिन अभी तक कोई नही आया

बी के पटेल
तहसीलदार देवसर

खदानो का सीमांकन बार बार कराने की कोई जरूरत नहीं होती इस वर्ष मैं स्वयं जीपीएस सिस्टम से सीमांकन किया हूं

मुनेंद्र पटेल
सर्वेयर खनिज विभाग सिंगरौली

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