सिहावल विधानसभा सीट भाजपा के लिए बन रही चुनौती,कई गुटों में बंटी भाजपा,आधा दर्जन दावेदारों में कशमकश…कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो अनुराग द्विवेदी की स्पेशल रिपोर्ट

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नही बन पा रही एक नाम में आपसी सहमति

सिंगरौली(kundeshwartimes)- मध्य प्रदेश में शीघ्र ही विधान सभा चुनाव होने वाला है,ऐसे में प्रमुख पार्टियां मतदाताओं का नब्ज टटोलना सुरु कर दी हैं,वहीं सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए पिछले दो बार की तरह इस बार भी सिहावल विधानसभा क्षेत्र चुनौती बना हुआ है,एक ओर सिहावल विधानसभा सीट में अपनी खोई हुई जमीन तलाश करने पार्टी के बड़े नेता लगातार मंथन कर रहे हैं वहीं स्थानीय नेताओं में आपसी सहमति नही बन पा रही है,स्थित यह निर्मित हो गई है कि अकेले विजौरा में पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है वहीं कोलकटी कनपुरा तथा विजौरा तीनो क्षेत्रों के कुल आधा दर्जन नेता दावेदारी पेश कर रहे हैं,वहीं कांग्रेस पार्टी अभी सिहावल विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही है ऐसे में माना जा रहा है कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट विधायक कमलेश्वर पटेल को ही दिया जायेगा,ऐसे में यह तो साफ हो गया है कि सिहावल विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की अपेक्षा भाजपा में गुटबाजी ज्यादा है हालाकी कांग्रेस पार्टी के भी कुछ नेता पिछले दिनों पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन उसके बाद अन्य कोई नेता कांग्रेस की ओर से टिकट की दावेदारी करते नजर नहीं आ रहे हैं

नही बन पा रही किसी एक नाम पर सहमति

भाजपा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्यासियों की पहली सूची जारी कर दी है अब दूसरी सूची सूत्रों की माने तो तैयार हो चुकी है शीघ्र ही दूसरी सूची भी जारी कर दी जाएगी,अब दूसरी सूची में माना जा रहा है कि सिहावल विधानसभा में प्रत्यासी का नाम फाइनल हो सकता है लेकिन राजनीति के क्षेत्रीय जानकार अभी भी सिहावल विधानसभा को लेकर असमंजस में हैं क्योंकि यहां की वर्तमान स्थिति देखने पर प्रतीत होता है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व द्वारा सिहावल के लिए अभी और समय लिया जा सकता है क्योंकि यहां अभी भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है,अकेले बिजौरा में पार्टी में कई गुट नजर आ रहा है वहीं कोलकटी तथा कानपुरा में भी कई दावेदार नजर आ रहे हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी अभी और मंथन कर सकती है

सिहावल की राजनीति पर एक नजर

चुनाव नजदीक आने के बाद इन दिनों एक ओर भाजपा सिहावल में जिताऊ प्रत्यासी के चयन में लगी हुई है वहीं आधा दर्जन दावेदार आला कमान की टेंसन बढ़ा रहे हैं,हालत यह है कि अकेले बिजोरा में ही पार्टी में ज्यादा गुटबाजी नजर आ रही है,यहां संगठन के स्थानीय नेता और अन्य दावेदारों में आपसी सहमति बनती नजर नहीं आ रही है,अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी जिताऊ प्रत्यासी का चयन कर पाती है या नहीं यह अपने आप में बहुत दिलचस्प होगा,

फिर क्या करेंगे अन्य दावेदार

यह तो निश्चित है कि भाजपा से टिकट किसी एक को ही मिलेगा ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि अन्य आधा दर्जन दावेदार उस स्थित में क्या करेंगे,क्या टिकट नहीं मिलने पर अन्य किसी पार्टी से या फिर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे या फिर संबंधित प्रत्यासी का साथ देकर पार्टी में बने रहेंगे,यह भी अपने आप में दिलचस्प होगा

कुछ दावेदार तो छोड़ रहे मैदान

करीब दो महीने पहले सिहावल विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से करीब दर्जन भर नेता दावेदारी करते नजर आ रहे थे लेकिन चुनाव नजदीक आते ही कुछ नेता चुनाव मैदान छोड़ते दिख रहे हैं,हालाकी अभी भी कई दावेदार टिकट पाने पूरी कोशिश कर रहे हैं।

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