हजारों साल प्राचीन दुर्लभ मूर्तियां संरक्षण के अभाव में हो रही क्षरण व चोरी का शिकार, प्रशासन उदाशीन, कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो मोहन पटेल की रिपोर्ट

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दमोह (ब्यूरो) कहीं घास के बीच तो कहीं खुले आसमान में विखरी पडीं वहुमूल्य प्राचीन प्रतिमाएं, संरक्षण ना होने के कारण हो रहा क्षरण
जिले के दमोह जनपद क्षेत्र से लगे ग्रामीण अंचलों में खुदाई के दौरान जगह-जगह सदियों पुरानी प्रतिमाएं निकली हैं और बिखरी पड़ी हैंं।
रियाना गांव की बावड़ी, जुझार गांव की व्यारमा नदी तट पर रखी, इन सभी क्षेत्रों में धन के चक्कर में खुदाई के दौरान निकली प्राचीन प्रतिमाएं आज जहां तहां बिखरी पड़ी हैंं लेकिन धार्मिक विसारत को संजोए के लिए शासन-प्रशासन कोई कदम उठाने को तैयार नहीं इसका नतीजा है कि यह अमूल्य निधि मूर्ति अधिकांश जगह खुले आसमान नीचे तेज धूप बारिश में क्षरण के चलते खत्म हो रही हैंं।

यहां खुले में पड़ी हजारों साल प्राचीन गणेश प्रतिमाओं का हो रहा क्षरण

ग्राम रियाना से एक किलोमीटर दूर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है जो खुले आसमान के नीचे रखी गई है स्थानीय निवासी पवन सिंह ठाकुर ने बताया कि गणेश जी की प्रतिमा हजारों साल पुरानी है जिससे एक प्रतिमा और भी आश्चर्य का केंद्र बनी हुई है और हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर यहां हजारों श्रद्धालु पूजा-याचना करने आते हैं। जब गांव के बुजुर्गों से इस प्रतिमा के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कई साल पहले यहां गांव के लोगों ने प्राचीन बावड़ी में गड़े धन के चक्कर में खुदाई की थी धन तो नहीं मिला लेकिन हजारों वर्ष पुरानी भगवान गणेश की प्रतिमा खुदाई में निकली जिसको पीपल के पेड़ के नीचे रख दिया और बाद में ग्रामीणों ने चबूतरे का निर्माण करके मूर्ति तो रख दी लेकिन प्रतिमा का बारिश धूप में क्षरण हो रहा है। बहुमूल्य धार्मिक विसारत धीरे-धीरे खत्म हो रही है व्यारमा नदी के तट पर जुझार घाट में अति प्राचीन शिव पार्वती, भगवान गणेश की प्रतिमा जुझार गांव के व्यारमा नदी के तट पर हजारों वर्ष प्राचीन विशालकाय पीपल के नीचे भगवान श्री गणेश एवं माता पार्वती की प्रतिमा दो दो दिव्य शिवलिंग के साथ विराजमान हैं जहां चौकी पर गणराज की पाषाण प्रतिमा विराजमान है जिससे शिवलिंग व माता पार्वती गणेश जी की प्रतिमा सुरक्षित हैं हैरानी की बात तो यह है कि अंचल में कई जगह इस तरह की प्रतिमाएं रखी हुई हैं लेकिन इनके संरक्षण की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

अव चूंकि भारत सरकार में जिले के सांसद मंत्री हैं तथा यह विभाग उन्हीं के अधीन आता है अतः लोगों को इसतरह की जिले में विखरी पडी वहुमूल्य मूर्तियों के संरक्षण की आस जागी है।       

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