साधु संतों की सुरक्षा संघ व प्रशासन की जिम्मेदारी – पवन नाहर

0
636

साधु संतों की सुरक्षा संघ व प्रशासन की जिम्मेदारी – पवन नाहर

चातुर्मास काल के बाद सन्तों के विहार में रखे ध्यान – आईजा

निप्र। जैन धर्म में साध्वियों के लिए 5 कल्प व सन्तों के लिए 9 कल्प का विधान है। अर्थात जैन साध्वी तीन के संघाड़े में किसी भी एक स्थान पर 2 माह (58 दिन) तक रुक सकते है वही जैन सन्त 2 सिंघाड़े में किसी भी स्थान पर अधिकतम 1 माह (29 दिन) तक रुकने की मर्यादा रहती है, इसमें सबसे बड़ा कल्प चातुर्मास काल में चार माह तक आराधना के अनुकूल स्थान पर रुक कर धर्म आराधना करने का नियम है। आगामी 30 नवम्बर पूनम को चातुर्मास काल का समापन हो रहा है ऐसे में वर्षावास हेतु विभिन्न स्थानों पर रुकने वाले साधु संतों का विहार शुरू हो जाएगा। वर्तमान समय में पूरे देश में कोरोना महामारी चल रही है, ऐसे में जीवन को आध्यात्मिक दिशा प्रदान करने वाले साधु संतों की सुरक्षा करना न केवल जैन समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है जबकि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है वही सन्त समाज की सुरक्षा करना शासन प्रशासन का दायित्व है।। ऑल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर ने आईजा के पदाधिकारियों व सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश स्तर पर हमारें जीवन निर्माता किसी भी साधु सन्तों की विहार चर्या में कोई कठिनाई नही आना चाहिए। नाहर ने कहा कि साधु संतों की सेवा और वैयावच्च का अनुपम अवसर हाथ लगा है जिसे पूरे भक्ति भाव के साथ स्थानीय संघ व शासन प्रशासन के सहयोग से पूरा करें। आईजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक हुण्डिया ने पूरे भारत के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय एवं हर स्थान के यातायात पुलिस प्रबंधन से अपील की है कि वे सन्तों के पैदल विहार चर्या में उस स्थान के यातायात पुलिस जवान को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दे ताकि विहार के दौरान वाहनों से सन्तों की होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। वही मध्यप्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर (झाबुआ) ने मंत्री प्रदीप जैन(इंदौर), महासचिव राजकुमार हरण(जावरा), कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन(रतलाम), जीवदया चेयरमैन रिंकेश जैन(देवास), भावेश हरण(जावरा), समाजेसव चेयरमेन मनीष कुमठ(पेटलावद), इंदौर जिलाध्यक्ष उमेश जैन, उज्जैन जिलाध्यक्ष दीपांशु जैन, धार जिलाध्यक्ष नवींन जैन, सोनकच्छ अजय पाटनी, राजगढ़ जिलाध्यक्ष सुनील बाफना सहित विभिन्न स्थानों पर रहने वाले आईजा सदस्यों सहयोगियों से आग्रह किया है कि कोरोना से बचाव के लिये विशेष सतर्क रहते हुए सन्तों की निर्दोष सेवा सुरक्षा व विहार चर्या करवाना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here