दमोह – जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा दिये प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर एस.कृष्ण चैतन्य ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन खरीदी नीति 2021 की कंडिका 5.18, 6.7, 7.6, 7.7, 7.8, 7.9, 7.10, 7.13, 7.16 , का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुये लक्ष्मी स्व-सहायता समूह पटेरिया द्वारा संचालित धान खरीदी केन्द्र पटेरिया समूह के विरूद्ध एफ.आई.आर.दर्ज कराने हेतु जिला प्रबंधक, म.प्र.आजीविका मिशन दमोह को आदेशित किया गया था, तत्संबंध में कार्यवाही उपरांत लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह पटेरिया को उपार्जन कार्य से ब्लेक लिस्ट करने के आदेश जारी किये गये है ।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया राजेश पटेल कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी दमोह द्वारा लक्ष्मी स्व-सहायता समूह पटेरिया द्वारा संचालित धान खरीदी केन्द्र पटेरिया का निरीक्षण गत दिवस किया गया । खरीदी स्थल पर महिला समूह की कोई भी महिला सदस्य उपस्थित नहीं पाई गई । जॉच को पोर्टल अनुसार धान खरीदी 1146 क्विटल प्रदर्शित पाई गई जिसमें R 2 T की मात्रा 346 क्विटल पाई गई । बारदाने की ऑन लाईन एन्ट्री 15000 नग पाई गई परन्तु भौतिक सत्यापन में खरीदी केन्द्र पर 25000 नग बारदाना रखे पाये गये । जिसमें से 4665 बारदाने भरे एवं शेष खाली पाये गये । 4665 भरी बोरिया को बिना स्टेग लगाकर पूरे मैदान में फैलाकर रखा गया एवं अस्थायी प्लेटफार्म का निर्माण नहीं कराया गया साथ ही लगभग 2500 नग भरी बोरियों की सिलाई नही किया जाना पाया गया । खरीदी केन्द्र पर खरीदी गई धान का निरीक्षण किया गया जो प्रथम दृष्टया गुणवत्ताविहीन थी । खरीदी केन्द्र पर जॉच समय शासकीय बोरों में भरी बिना सिलाई की हुई बोरियों का वजन क्रमशः 40.920 कि.ग्रा., 41.065 कि.ग्रा. , 41.120 कि.ग्रा., 40.925 कि.ग्रा. 40.890 कि.ग्रा. तथा सिली हुई बोरियों का वजन करने पर क्रमशः 40.070 कि.ग्रा., 40.105 कि.ग्रा., 40.200 कि.ग्रा. , 40.670 कि.ग्रा., 40.325 कि.ग्रा. पाया गया । 80 प्लास्टिक की बोरियां धान खरीदी केन्द्र के अंदर रखी पाई गई । जिसके मालिक /किसान की जानकारी खरीदी केन्द्र द्वारा नहीं दी गई । खरीदी केन्द्र सर्वेयर गोपाल यादव द्वारा बताया गया कि खरीदी केन्द्रवार धान सफाई हेतु छन्ना, हडम्बा, नहीं लगाया गया है । खरीदी केन्द्र पर उपार्जन नीति में निर्धारित तौल रजिस्टर/पंजी संधारित नहीं पाई गई । खरीदी केन्द्र पर धान के बोरो पर लगे टेग पर किसानों का नाम एवं पंजीयन कोड अंकित नहीं किया गया और न ही पंजी संधारित की गई ।