*सिर्फ नाम के लिए बनी नल जल योजना बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण*सुबह से पानी के लिए लगी रहती कतरा / कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह पंचायत कर्मी ग्रामीणों की मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहे है। फलस्वरुप ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट गहराता जा रहा हैं लेकिन जिम्मेदार अफसर पेयजल समस्या का निराकरण किए जाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है। जिससे ग्रामीण अंचल के बाशिंदे बूंदबूंद पानी के लिए भटक रहे है
ऐसा ही मामला जबेरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत झरोली का है जहा पर ग्रामीण पीने के पानी को तरसते हुए देख रहे है लेकिन पंचायत के कर्मी समस्या का समाधान करने के लिए तैयार नहीं हो रहे है
झरोली गांव जिसकी आबादी करीब 3000 हजार है इस गांव में पेयजल की समस्या गंभीर रुप से बनी हुई है आर्थिक रुप से संपन्न लोगों के यहां निजी जल स्त्रोत ट्यूबवेल है जिससे उन्हें पेयजल की सुविधा बनी हुई है लेकिन गांव के कई ऐसे परिवार हैं जो बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे है। यह ग्रामीण ग्राम पंचायत के द्वारा गांव में लगाए हैंडपंप व नल जल योजना से पानी की आपूर्ति करते हैं

एक हेडपंप एवं कुये के भरोसे चल रहे है ग्राम बासी जो गर्मी सुरु भी नहीं हुई और पानी का स्तर कम होता जा रहा है
इस हैंडपंप एवं कुओ से गांव के लोग पानी भरकर अपनी प्यास बुझाने के साथ ही अन्य जरुरतों के लिए पानी का उपयोग करते है लेकिन वर्तमान में मात्र हैंडपंप एवं कुआ ही पानी दे रहा है
जिसके चलते ग्रामीण जलसंकट से जूझ रहे हैं। हालात यह हैं कि ग्रामीण सुबह से ही खाली बर्तन लेकर हैंडपंप पर पहुंच जाते है।

*नल जल योजना भी बंद कई महीनों से बंद पडी है*

झरोली गांव में लाखों रुपए की नल जल योजना प्रारंभ की गई थी। लेकिन देखरेख के अभाव में उक्त नल जल योजना बीते कई महीनों से बंद पड़ी हुई है लेकिन पंचायत सरपंच सचिव बंद पडी नल जल को चालू नहीं करा पाए और साथ मे प्रशासन के जिम्मेदार अफसर गांव में पानी की आपूर्ति किए जाने को लेकर को लेकर कोई भी कार्य योजना नहीं बनाए जाने के कारण और अफसरों की लापरवाही को लेकर ग्रामीण खासे परेशान है यही वजह है कि ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा हैं। गांव के ही कुछ लोग जिनके यहां निजी जल स्त्रोत है वह परेशान हो रहे ग्रामीणों के लिए पानी उपलब्ध करा रहे हैं। यहां से ग्रामीण पानी भर कर ले जाते है।हालाकि यह व्यवस्था स्थाई नहीं है। ग्रामीणों ने कई बार अफसरों ओर जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करवाया लेकिन अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है। ना ही किसी ने कोई पहल की है। फल स्वरुप ग्रामीणों में अफसरो को लेकर खासी नाराजगी बनी हुई हैं

ग्रामीण हरिसीग चक्रवर्ती ने बताया है कि कुछ परिवार तो ऐसे है जिन्हें 1 किलो मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है तब जा के वो अपनी ओर अपने परिवार की प्यास बुझा पाते है तो वहीं ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया सरपंच और सचिव से पीने के पानी के लिए गुहार लगायी है इस संकट से निपटने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च करती है लेकिन सचिव सरपंच की मनमानी के चलते नल जल योजना में भी भ्रष्टाचारी की जा रही है शासन द्वारा ग्राम पंचायत में नल जल योजना के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है और सचिव सरपच रोजगार सहायक राशि निकाल भी रहे हैं लेकिन उस राशि का उनके द्वारा राशि को आहरण कर लिया गया और ग्राम पंचायत में नल जल योजना बंद पड़ी हुई है इस संबंध में जनपद पंचायत जबेरा सीईओ को जानकारी दी लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है इसलिए सचिव रोजगार सहायक की मनमानी के चलते अपनी ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार कर अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं

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