विधान सभा में उठा नान जिला प्रबंधक देवेंद्र तिवारी के भ्रष्टाचार का मुद्दा,अपराधिक प्रकरण दर्ज कर हटाने रखी गई मांग, 20 दिसंबर को खाद्य मंत्री को देना है जवाब।। कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो सुनील विश्वकर्मा की रिपोर्ट

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कटनी (कुंडेश्वर टाइम्स)- नान जिला प्रबंधक देवेंद्र तिवारी के भ्रष्टाचार की कहानी भोपाल तक चर्चा में है। यही वजह है कि उनके भ्रष्टाचारों की लिस्ट को देखते हुए विधानसभा में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग करते हुए कहीं अन्यत्र भेजे जाने के लिए विधानसभा प्रश्न लगाया गया है। लगाए गए प्रश्न का जवाब 20 दिसंबर 2024 को खाद्य मंत्री विधानसभा में देंगे।

यह उठा सवाल

रीवा जिले के विधायक अभय मिश्रा ने सदन में तारांकित प्रश्न क्रमांक 523 के जरिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री से सवाल किया है खाद्य मंत्री यह बताने की कृपा करें की क्या म.प्र. स्टेट सिवलि सप्लाई कार्पेरेशन के द्वारा दिनांक 05.06.2024 को फर्जी डिपाजिट आर्डर पर एफ. आई.आर. दर्ज किये जाने पर आदेश दिये गये थे? आदेश की प्रति के साथ कार्यवाही की क्या स्थिति है ?, तत्काली जिला प्रबंधक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम रीवा, प्रबंधक सिविल सप्लाई कार्पेरेशन देवेन्द्र तिवारी के द्वारा जिला रीवा में पदस्थगी के दौरान परिवहन के नाम पर संविदाकारों से साठ-गांठ कर दूरस्थ स्थाने में परिवहन कराकर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई। जिसके संबंध में प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग म.प्र. भोपाल को पत्र लिखे गए। लिखे गये पत्रे पर कार्यवाही की स्थिति क्या हैं। श्री तिवारी के विरूद्ध फर्जी नियुक्ति पर इनके ऊपर भारतीय दण्ड विधान की धारा 420, 468, 471, 120 बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। लेकिन नियुक्ति फर्जी प्रमाणित होने के बाद भी संबंधित की नियुक्ति को निरस्त कर पद से पृथक करते हुये राशि वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई क्यों?, इसके लिए कौन कौन जवाबदार हैं।

भ्रष्टाचार से पुराना नाता

सदन में प्रश्न करते हुए विधायक श्री मिश्रा ने कहा कि श्री तिवारी ने बी.आर.डी.एस. योजना में प्रतिनियुक्ति के दौरान गलत प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को क्षति पहुंचाने व सीधी में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम के पद पर पदस्थ रहते हुये हजारों क्विटंल धान को जानबूझकर सड़ा कर पचासों करोड़ रूपये का नुकसान शासन को पहुंचाया, जिस पर प्राप्त शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई, ऐसा क्यों। खाद्य मंत्री बताएं कि कार्यवाही बावत क्या निर्देश देंगे। यह भी बतावें अगर नहीं तो क्यों?, परिवहन के नाम पर ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर व्यक्तिगत हितपूर्ति करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के साथ आपराधिक प्रकरण फर्जी नियुक्ति पर कायम रहने के बाद भी पृथक न किये जाने व शासन को जानबूझ कर आर्थिक क्षति पहुंचाने पर जांच व कार्यवाही लंबित रखने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों।

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