वन मित्र पोर्टल से मिला कल्याणी रामरती को अपनी जमीन का हक,रीवा से कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो अनिल पटेल की रिपोर्ट

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रीवा 22 सितम्बर 2020. वनाधिकार अधिनियम के तहत वनवासी परिवारों को परंपरागत रूप से खेती करने तथा निवास करने वाले स्थानों का वन अधिकार पत्र दिया जाता है। रीवा जिले में वर्ष 2007 से अब तक दर्ज वनाधिकार के दावों में 2700 से अधिक दावे अमान्य किये गये। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के अनुसार सभी अमान्य दावों का वन मित्र पोर्टल से पुन: सत्यापन किया गया। रीवा जिले में वन मित्र पोर्टल के माध्यम से 721 पात्र हितग्राहियों के वनाधिकार पत्र मंजूर हुए हैं। इनमें सिरमौर विकासखण्ड के ग्राम थनवरिया की कल्याणी रामरती कोल भी शामिल हैं।
श्रीमती रामरती कोल के पति देवनाथ कोल का कई वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है। रामरती कोल अपने दो पुत्रों तथा पुत्र वधुओं के साथ पुस्तैनी जमीन पर खेती करके परिवार का पेट पालती हैं। उनके बेटे भी खेती में उनका हाथ बटाते हैं। उनका परिवार पिछले लगभग 40 वर्षों से वन भूमि पर खेती कर रहा है। रामरती ने वन अधिकार अधिनियम के तहत भू अधिकार पत्र पाने के लिये 2010 में ग्राम सभा के माध्यम से अपना दावा दर्ज कराया। दावे के साथ पर्याप्त साक्ष्य न होने पर रामरती को वन अधिकार पत्र नहीं मिल सका। अमान्य दावे को वन मित्र पोर्टल में दर्ज करके नवीन प्रावधानों के तहत सत्यापित करने पर रामरती को अपनी जमीन का वन अधिकार पत्र प्राप्त हो गया है। इसके मिलने से प्रसन्न रामरती ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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