कोरोना संकट के बाद तेजी से बढ़ रही है प्रदेश में अर्थ व्यवस्था,विधानसभा में आर्थिक सर्वे पेश, एक लाख 40 हजार रुपये से अधिक हुई प्रति व्यक्ति आय, 16.43 प्रतिशत रही विकास दर,13 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ सकल घरेलू उत्पाद

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर। राजस्व संग्रहण भी बढ़ा

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भोपाल(kundeshwartimes)- कोरोना संकट के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गया है। विकास दर 26.43 प्रतिशत रही है। प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रुपये हो गई है। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 15.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजस्व संग्रहण हो या फिर कृषि क्षेत्र, सभी में वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में दिए गए वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। बार-बार अधिक ऋण लेने की जो बात कही जाती है, वह जीएसडीपी के अनुपात में 29 प्रतिशत है। यह वर्ष 2005 में 39.5 प्रतिशत था।

प्रदेश की आर्थिक स्थिति का आकलन राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) से किया जाता है। यह प्रचलित भाव पर पिछले साल 11 लाख 36 हजार 137 करोड़ रुपये थे, जो वर्ष 2022-23 में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गई है। इसी तरह प्रति व्यक्ति शुद्ध आय जो प्रचलित भाव पर एक लाख 21 हजार 594 थी, वो एक लाख 40 हजार 583 रुपये हो गई है। स्थिर भाव पर यदि देखा जाए तो यह वर्ष 2011-12 में 38 हजार 497 थी, जो अब बढ़कर 65 हजार 23 रुपये हो गई है। कोरोेना संकट के कारण ऋण-जीएसडीपी अनुपात 29 प्रतिशत हो गया है। बैंकों में वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान कुल जमा राशि में 13.56 प्रतिशत और अग्रिम ऋण राशि में 16.22 प्रतिशत की दर से वृद्धि परिलक्षित हुई है। बजट का आकार भी लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2001 में यह 16 हजार 393 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2023 में बढ़कर दो लाख 47 हजार 715 रुपये हो गया।

राज्य के राजस्व में वृद्धि 7.94 प्रतिशत रही है, जबकि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी में वृद्धि .59 प्रतिशत रही। इस प्रकार देखा जाए तो राज्य ने अपने राजस्व में 13.32 प्रतिशत की वृद्धि की। कृषि ऋण में 13.41 और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में यह वृद्धि 30.22 प्रतिशत रही। इससे साफ होता है कि कृषि और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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