ग्राम पंचायत सरपंच के संरक्षण में शासकीय भूमि पर कराया जा रहा अतिक्रमण,खजुरिहा तालाब से अवैध मुरूम निकासी से तालाब के अस्तित्व पर संकट।। कुंडेश्वर टाइम्स उपसंपादक राजा गौतम की रिपोर्ट

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सेमरिया_ (kundeshwartimes) 26 एकड़ के बृहद क्षेत्र फल में फैले शासकीय खजुरिहा तालाब में मुरुम की अवैध निकासी से तालाब का अस्तित्व खतरे में है । ग्रामीणों द्वारा इस प्रकार के अवैध खनन और ग्राम पंचायत की शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर सरपंच दिनेश सिंह ग्राम पंचायत बीरखाम से जानकारी लेने पर उन्होंने गोल मोल जवाब दिया । शासन द्वारा तालाब के रख रखाव एवं नवीन करण तथा शासकीय भूमियों से अतिक्रमण हटाए जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन इस प्रकार के अतिक्रमण को हटाने के लिए जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं । रोटी कपड़ा और मकान जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं है किंतु गरीब मजदूर आशियाने के अभाव में अपना जीवन स्तर कैसे सामान्य कर पाएंगे ? ग्राम पंचायतों के सरपंचों को गांव के गरीबों , मजदूरों ,हरिजन आदिवासियों के जीवन स्तर को सामान्य बनाए जाने हेतु प्रदेश सरकार ने पंचायत एवम ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया है किंतु पंचायतों के विकास में जातिगत आरक्षण रोड़ा बना हुआ है ।
सरपंचों द्वारा निर्वाचन के दौरान धनबल का प्रयोग कर निर्वाचित होते ही विरोधी मतदाताओं के साथ भेदभाव पूर्ण व्यहारिक प्रयोग पंचायतों के विकास में बाधक है । ग्राम पंचायत बीरखाम के सरपंच द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने में भेद भाव पूर्ण रवैया अपनाया गया है । सक्षम व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और गरीब बाट जोहने को मजबूर है ।
गांव के निहायत गरीब इंद्रभान कोरी ने शासकीय भूमि में निर्मित हो रहे अतिक्रमण की लिखित शिकायत तहसीलदार महोदय सेमरिया को दे कर निवेदन किया है की जिसके पास सब कुछ पूर्व से उपलब्ध है उसे शासकीय भूमि से बेदखल कर अतिगरीब हरिजन, आदिवासियों के साथ न्याय किया जाय ।
शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बीरखाम में अतिक्रमण का मुद्दा सुलग ही रहा है और दूसरा अतिक्रमण शुरू हो गया । विदित हो कि जिस शासकीय भूमि पर मकान की बुनियाद डाली जा रही है वह विद्यालय के नाम पर ही साजिश पूर्ण हथियाई गई थी लेकिन अतिक्रमण कर्ता ने अब कब्जा जमाकर घर का निर्माण शुरू कर दिया है । समय रहते अगर माननीय तहसीलदार सेमरिया वृत्त शाहपुर चाहें तो इस अवैध अतिक्रमण के भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है ।

वैसे तो सेमरिया तहसील के अंतर्गत संचालित होने वाले विभागों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है किंतु दिल है की मानता नहीं और जाएं तो जाएं कहां ? जिला मुख्यालय से फाइल सेमरिया ही आयेगी चाहे वह तहसील हो या थाना या फिर बिजली विभाग ।
शाहपुर बिजली विभाग अंतर्गत सुरेंद्र त्रिपाठी नंदनीपुर के मकान का केबल विगत 2 माह से खंडित है बेतहाशा गर्मी में पीड़ित के परिवार का बुरा हाल है दुवेदी लाइन मैन और अन्य जनप्रतिनिधियों से मिन्नते पीड़ित परिवार द्वारा की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ । इस प्रकार से सेमरिया तहसील की चरमराई कानून व्यवस्था और सरकारी माशिनारियां प्रदेश सरकार की पोल खोलती हैं ।

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