नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को न्यायालय ने सुनाई 20 वर्ष की सजा, दमोह से कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो मोहन पटेल की रिपोर्ट

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दमोह हटा के अंतर्गत रनेह थाना का मामला सामने आया विगत 14 माह पूर्व नाबालिक को सोते हुए उठाकर लेजाकर बलात्कार के आरोप को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा 9 साल की मासूम से बलात्कार करने के मामले में एक आरोपी को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई जिला अभियोजना अधिकारी बीएम शर्मा ने बताया कि आरोपी गिल्ली उर्फ राहुल अहिरवार निवासी रनेह को नाबालिक के दुष्कर्म करने पर हुई 20 वर्ष की सजा सुनाई गई
बीएम शर्मा -जिला अभियोजन अधिकारी
मासूम के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा भले ही सुनाई गई है लेकिन आज भी पीड़ित परिवार फांसी दिए जाने की मांग कर रहा है
दमोह – विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो अधिनियम श्रीमती ऊषा तिवारी महोदया द्वारा प्रकरण में निर्णय पारित किया गया जिसमें पैरवीकर्ता बी.एम.शर्मा द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍यों एवं तर्को से संतुष्‍ट होकर आरोपी को धारा 376 AB भादवि. एवं धारा 5/6 पॉक्‍सो एक्‍ट एवं 363 ए के अपराध का दोषी पाकर धारा 376 AB भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 363 ए में 3 वर्ष के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया।

घटना का विवरण – पैरवीकर्ता बी.एम. शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनॉंक 04 एवं 05 जून 2019 की दरमियानी रात ग्राम रनेह में पीडित बालिका घर के बाहर चबूतरे पर अन्‍य परिजनों के साथ बाहर सो रही थी तो उसी समय आरोपी गिल्‍लू उर्फ राहुल अहिरवार तनय लटोरी अहिरवार उम्र 20 वर्ष निवासी रनेह ने मौका देखकर वहॉं आया और सोती हुई पीडि़त बालिका को ले गया। उल्‍लेखनीय है कि उस समय उसके माता-पिता गॉंव कहीं शादी में गए हुए थे, घर से कुछ दूर ले जाकर अभियुक्‍त गिल्लू उर्फ राहुल अहिरवार ने बालिका के अधोवस्‍त्र को उतार कर एकांत स्‍थान पर उसके साथ बलात्‍संग किया एवं जब अभियुक्‍त गिल्‍लू उर्फ राहुल अहिरवार बालिका के साथ एसा दुष्‍कर्म करके उसे पुन: वापिस उसके घर के चबूतरे पर छोडकर चला गया जहॉं वह सो रही थी। कुछ देर बाद पीडि़त बालिका के माता-पिता वापिस लौट कर आए तो उन्‍होंने बालिका को बेहोसी की अवस्‍था में गुप्‍तांग से रक्‍त श्राव होते देखा , जिस पर उसे तत्‍काल थाना-रनेह ले गए तत्‍कालीन थाना-प्रभारी उप.नि. सुनील मेहर ने आहत/पीडि़ता की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए, सर्वप्रथम बच्‍ची का उपचार करवाए जाने का विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए पुलिस वाहन से महिला आरक्षक के साथ सामूदयिक स्‍वास्‍थ केन्‍द्र हटा पहँचाया जहॉं बच्‍ची के प्राथमिक उपचार उपरांत उसे जिला चिकित्‍सालय रिफर किया गया , जहॉं बच्‍ची के उपचार पश्‍चात होशो-हावास में आई , मामले की रिपोर्ट की गई और अपराध को जघन्‍य एवं सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में चिन्‍हित किया गया। विवेचना के दौरान घटना स्‍थल से रक्‍त रंजित कपडे एवं एक अंगुली का नाखून तथा पीडि़ता के कपडे जप्‍त किए गए।
उल्‍लेखनीय है कि मामले में जो डी.एन.ए. परीक्षण हेतु जो सामग्री भेजी गई थी उससे भी आरोपी द्वारा दुष्‍कर्म किए जाने की पुष्टि हुई तथा पीडि़ता द्वारा अपने न्‍यायालयीन कथनों में आरोपी को पहचानते हुए उसके द्वारा दुष्‍कर्म करने की पुष्टि की गई ।
थाना रनेह के थाना प्रभारी उप.नि. सुनील मेहर द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 376 (क,ख), 363, 323 ताहि. 3 (ख)/ 4 , 5(झ) (ड) /6 पॉक्‍सो एक्‍ट न्‍यायालय में प्रस्‍तुत करने पर विशेष द.प्र.क्र. 31/2019 विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट में प्रचलित हुआ।
चूँकि पीडि़ता ग्रामीण पृष्‍ठभूमि की अशिक्षित व अबोध बालिका थी जो डरी एवं सहमी हुई थी , जिसका न्‍यायालय में परीक्षण कराया जाना विशेष लोक अभियोजक व न्‍यायालय के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था परन्‍तु विशेष लोक अभियोजक डी.पी.ओ. श्री बी. एम. शर्मा द्वारा अत्‍यंत संवेदनशीलता और अपने अनुभव से पीडि़ता का न्‍यायालयीन परीक्षण सम्‍पन्‍न कराया , जिसमें न केवल पीडि़ता ने आरोपी गिल्‍ली उर्फ राहुल अहिरवार की पहचान की बल्कि उसके साथ बलात्‍संग करने की भी पुष्टि की। डी.एन.ए. परीक्षण से भी आरोपी द्वारा अपराध करने की पुष्टि हुई।
माननीय विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो अधिनियम श्रीमती ऊषा तिवारी महोदया द्वारा प्रकरण में निर्णय पारित किया गया जिसमें पैरवीकर्ता श्री बी.एम.शर्मा द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍यों एवं तर्को से संतुष्‍ट होकर आरोपी को धारा 376 AB भादवि. एवं धारा 5/6 पॉक्‍सो एक्‍ट एवं 363 ए के अपराध का दोषी पाकर धारा 376 AB भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 363 ए में 3 वर्ष के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया।           

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