निजी कंपनियों के बैंक खातों को हैक कर 45 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश, पांच गिरफ्तार

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इंदौर(kundeshwartimes) इंदौर की भंवरकुआं थाना पुलिस ने निजी कंपनियों के बैंक खातों को हैक कर 45 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश कर रहे पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय हैकर से जुड़ा है और निजी व सरकारी खातों का डेटा हैक कर डार्कवेब पर बेचता है। पुलिस ने सात मोबाइल और एक लैपटाप भी जब्त किया है।
डीसीपी जोन-4 आरके सिंह के अनुसार, चंदन उर्फ रौनक सिंह वास्कले निवासी गुलशन कालोनी, त्रिलोक शर्मा निवासी नंदबाग कालोनी, आयुष मलंग निवासी स्कीम-78, रवि जायसवाल निवासी गुरुनगर विजय नगर और हर्ष शर्मा निवासी बसंत विहार कालोनी, इंदौर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित बुधवार को 7-हेवन होटल में बिना आइडी रूम लेने की जिद पर अड़े थे। तभी भंवरकुआं थाने के पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए।

मोबाइल और लैपटाप में मिली जालसाजों की चैटिंग

कार में बैठे आयुष मलंग को लैपटाप चलाते देख शक हुआ। पुलिसकर्मी पांचों को थाने ले आए। अधिकारियों ने मोबाइल और लैपटाप खंगाले तो हैकर और जालसाजों के बीच चल रही चैटिंग मिल गई। आयुष ने बताया कि गिरियास इन्वेस्टमेंट प्रालि और आलोन फार्मास्युटिकल इंडिया का खाता हैक कर 45 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश कर रहे थे। गिरियास का एचडीएफसी बैंक में बेंगलुरु में खाता है और फिलहाल उसमें 42 करोड़ रुपये जमा हैं। आलोन कंपनी के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में 2.80 करोड़ रुपये हैं।

डार्कवेब से खरीदा डेटा

एडीसीपी के अनुसार, आरोपितों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वाट्सएप ग्रुप पर शेयर डेटा डार्कनेट वेब से खरीदा गया था। आरोपितों ने ग्रुप पर हुई चैटिंग डिलीट कर दी है।

ट्रांसफर करना चाहते थे

एडीसीपी के अनुसार, दिल्ली और मुंबई के ठग ही ऐसा खाता मुहैया करवाने का दावा कर रहे थे, जिसमें रुपये ट्रांसफर करने की तैयारी थी। पुलिस आगे की लिंक तलाश रही है। जब्त फोन और लैपटाप की फोरेंसिक जांच करवाई जाएगी। आरोपित आयुष अमेरिकी नागरिकों का डेटा हैक कर धोखाधड़ी में शामिल रहा है। उसके विरुद्ध राज्य साइबर सेल में केस दर्ज है। पहले वह फिम बाउंड ग्लोबल नामक कंपनी में नौकरी करता था, जो डेटा लीक करती है। आयुष बैंकर्स को ईमेल के जरिये मालवेयर भेज कर खाते हैक करने में माहिर है।

खाते को हैक करने पर मिलता है कमीशन

एडीसीपी जोन-4 अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार, आरोपित चंदन और रवि इवेंट मैनेजमेंट का काम करते हैं। हर्ष प्रापर्टी ब्रोकर है। त्रिलोक खुद को पंडित बताता है। रवि दिल्ली एनसीआर वर्क नाम से बने वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था, जिसके एडिमन मुंबई और दिल्ली के हैकर हैं। इस ग्रुप पर उन खातों के डेटा शेयर होते हैं जिनमें करोड़ों रुपये जमा हैं। एडमिन बैंक का नाम, खाता नंबर, आइएफएससी कोड, नामिनी, ई-मेल तक की जानकारी शेयर करते हैं। ग्रुप के सदस्यों को यह भी बता दिया जाता है कि खाते में कितने रुपये जमा हैं। उस खाते को हैक करने पर 60 प्रतिशत एडमिन और 40 प्रतिशत हैकर को मिलते हैं।

‘डाक्टर’ की व्यवस्था करो, मारना है बड़ा हाथ‘

रवि ने दोस्तों के साथ मिलकर ग्रुप बनाया और आयुष (हैकर) को ढूंढा। आरोपित हैकर को कोडवर्ड में कहते थे कि ‘डाक्टर’ की व्यवस्था करो। बड़ा काम करना है। एबी रोड स्थित एक काफी हाउस पर आयुष से मुलाकात हुई। आयुष ऐसी जगह तलाश रहा था, जहां हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध हो। आरोपितों ने 7-हेवन होटल का वाईफाई तो कनेक्ट कर लिया, लेकिन स्पीड नहीं मिली।

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