फिर शर्मसार हुई इंसानियत! आजादी के अमृत महोत्सव में सामने आई तस्वीर, रिक्शे में शव ले जाने को बेटा मजबूर

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शहडोल(kundeshwartimes)-  15 अगस्त के दिन शहडोल जिले में एक बार फिर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जिसमें एक बार फिर से सिस्टम की कमियां उभरकर सामने आई हैं. एक ओर विकास के नए-नए दावे किए जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की तस्वीरें उनकी पोल खोल देती हैं, देखिये कैसे शव वाहन न मिलने की वजह से एक बेटे को अपनी मां के शव को रिक्शा में ले जाना पड़ा. आखिर एक बेटा अपने मां के पार्थिव शरीर को इस तरह ले जाने को क्यों मजबूर हुआ।

इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर

 इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह तस्वीर शहडोल जिले के बुढ़ार ब्लॉक के चिटूहला गांव की है. जहां के रहने वाले कैलाश कोल अपनी मां के पार्थिव शरीर को मालवाहक रिक्शे पर ले जाने को मजबूर हुआ. दरअसल कैलाश कोल की 70 वर्षीय मां की कुएं में डूबने से मौत हो गई थी. जिसका पोस्टमार्टम कराना था और उसके लिए शव वाहन की जरूरत थी, लेकिन कैलाश कोल भटकता रहा और उसे शव वाहन नहीं मिला. जब काफी प्रयास के बाद भी शव वाहन नहीं मिला, तो लाचार बेबस बेटा अपनी मां के शव को एक रिक्शा में रखकर लगभग 5 किलोमीटर का सफर तय कर आबादी के बीच से बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा. जहां पहले शव का पोस्टमार्टम कराया, उसके बाद भी उसे वहां से भी शव वाहन नहीं मिला, तो फिर शव वाहन न मिलने से नाराज बेटा फिर से उसी रिक्शे में अपनी मां को लेकर वापस आया. कहना होगा कि आखिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस तरह की तस्वीरें कब तब तक आती रहेंगी. एक ओर पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा है, तो वहीं दूसरी ओर एक बेबस लाचार बेटा अपनी मां के पार्थिव शरीर को रिक्शे में लेकर घूमता नजर आ रहा है.

स्वास्थ्य विभाग से बात करेंगे

 वहीं इस पूरे मामले को लेकर जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह का कहना है की “यह चिटूहला वाला मामला मुझे मालूम नहीं था. आपने ही बताया है, निश्चित तौर पर इसमें में स्वास्थ्य अधिकारियों से बात करूंगी. ऐसी समस्या लोगों को क्यों आती है, आप समय पर वाहन उपलब्ध कराएं. जब आपके पास शव वाहन उपलब्ध है, जब आपके हर जगह स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन उपलब्ध है, तो उसका लाभ लोगों को क्यों आसानी से नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ विभाग में यह कमियां है, जिसके लिए कड़ाई से बात करनी पड़ेगी. गौरतलब है कि एक ओर विकास के नए-नए दावे किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस तरह की तस्वीरें विकास की पोल खोल रही हैं.

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