शिवराज सरकार लेगी 3000 करोड़ का कर्ज आरबीआई से 20 साल में वापसी की अनुबंध पर मिलेगा कर्ज प्रदेश में 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज

पूर्व से कर्ज में डूबी सरकार एक बार फिर 3000 करोड़ का कर्जा लेने की तैयारी में

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भोपाल(kundeshwartimes) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बजट के बाद भी लोन लेने का सिलसिला जारी है. शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Government) एक बार फिर 3000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है.

ये पैसा RBI से 20 साल के लिए लिया जाएगा. जिसकी पेमेंट 8 मार्च को हो जाएगी. ये प्रदेश के ऊपर 31 जनवरी से आज तक यानी 34 दिन में 5वां लोन होगा. पिछले 4 बार में सरकार ने 11 हजार करोड़ रुपये लिए हैं, जो अब बढ़ कर 14 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा.

अधिसूचना हुई प्रकाशित

आरबीआई से लोन लेने के मामले में वित्त विभाग ने अधिसूचना प्रकाशित कर दी है. सरकार ने ये कर्ज लेने के पीछे आर्थिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने का हवाला दिया है. इससे पहले लिए गए लोन में भी यही बात कही गई थी. 3 हाजर करोड़ रुपये की ये रकम सरकार को 8 मार्च 2043 तक चुकाना होगा।

पहले लिए गए चार कर्ज

– 31 जनवरी को 2000 करोड़ का कर्ज लिया गया
– 4 फरवरी को 3000 करोड़ का कर्ज लिया गया
– 14 फरवरी को 3000 करोड़ का कर्ज लिया गया
– 28 फरवरी को 3000 करोड़ का कर्ज लिया गया
– अब फिर 3000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा रहा है

प्रदेश पर 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज

मध्य प्रदेश पर अभी तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. वित्त विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 की स्थिति में सरकार के ऊपर 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये का ऋण था. इसके बाद जून 2022 से नवंबर 2022 तक 12 हजार करोड़, जनवरी 2023 में 2000 करोड़ और फरवरी में 3 बार में 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. इसमें अब 3 हजार करोड़ रुपये और जुड़ने वाले है. जिसके बाद औसत प्रदेश के एक आदमी पर 50 हजार से ज्यादा का कर्ज हो जाएगा।

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