पत्रकारिता का एक ओर(सोना) कुंदन हम से असमय बिछड़ा।

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पत्रकारिता का एक ओर(सोना) कुंदन हम से असमय बिछड़ा।

मनीष वाघेला

थांदला। एक छोटी से 70 के दशक में साइकिल से अखबार की प्रतियां घर घर तक पहुँचा कर कभी कुंदन जिले ही नही अपितु प्रदेश और आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन का धूमकेतु बन जाएगा यह पत्रकारिता में पग रखने वालों के लिए पत्रकारिता के ककहरा है।अपने जीवन मे तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी कुंदन ने पत्रकारिता को बखूबी ईमानदारी से निभाया। स्वर्गीय यशवंत दादा घोड़ावत के साथ पत्रकारिता करते हुए अविभाजित झाबुआ-अलीराजपुर में पत्रकरो के हितों ओर उनकी समस्यायों के लिए राजनेता हो अथवा प्रशासन सभी से न केवल लड़ते रहे वरन उस दौर में पत्रकारों को संगठित कर झाबुआ अलीराजपुर में दादा घोड़ावत के साथ पत्रकारों का एक संगठन खड़ा कर दिया। जिले सहित पड़ोसी जिले अलीराजपुर,धार,रतलाम व प्रदेश में *काका* के नाम से पहचान बनाने वाले *कुंदन* के पास पत्रकारिता का कोई डिप्लोमा नही था किंतु तजुर्बा इतना कि एक एक शब्द एक माला में स्वतः पिरो कर समाचार,आलेख बन जाता उम्र के साढ़े 5 दशक बाद भी ऊर्जा इतनी की अल सुबह से रात्रि तक परिवारक,सामाजिक,जवाबदारियों को निभाते हुए भी पत्रकारिता पर न तो कोई आंच आने दिया और न ही अपनी खुद की पत्रकारिता में व्यवधान उतपन्न होने दिया।आजीवन चौथा संसार अखबार से जुड़े रहे तो *काका* ने आजाद से प्रेरणा ले कर साप्ताहिक *आजाद भूमि* अखबार भी निकाला जो अब भी प्रकाशित हो रहा है। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष रहते हुए *काका* ने नगर व जिले नई ऊंचाइयों तक पहुचाया। बीते कुछ वर्षो पूर्व ही *कुंदन काका* की बाय पास सर्जरी भी हो चुकी थी बावजूद उसके आपनी पत्रकारिता को विराम न देते हुए अनवरत जारी रखा। बुधवार अल सुबह अचानक *काका* काका के सीने में दर्द होने के चलते मेघनगर के जीवन ज्योति अस्पताल ले जाया गया जहाँ से *कुंदन काका* हम सभी को अचानक सोया रख खुद चिरनिंद्रा में चले गए। *काका* के देवलोक गमन से जिले,प्रदेश की पत्रकारिता को एक बड़ी क्षति हुई है जिसकी भरपाई असम्भव हर।काका को जीला पत्रकार संघ सहित जिले के ठेठ गाँव खेड़ों के पत्रकारों की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। नमन🙏🏻🙏🏻

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