महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में आया नया मोड़ ,महंत नरेंद्र गिरी बब्बर शेर थे, नहीं कर सकते थे सुसाइड, महंत हरि गिरी ने की मामले की हरी गिरी ने दोबारा जांच की मांग रखी

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प्रयागराज(kundeshwartimes) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत का मामला एक बार फिर चर्चा में आया है. क्योंकि, अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी ने उनकी मौत के बाद से हुई सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही उन्होंने पूरी घटना की दोबारा जांच की भी मांग की है. महंत हरि गिरी ने कहा कि आज भी उन्हें भरोसा नहीं है कि महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की थी. उनका दावा है कि महंत नरेंद्र गिरी मजबूत इरादों वाले व्यक्ति थे और वो आत्महत्या जैसा कदम किसी भी परिस्थिति में नहीं उठा सकते थे. यही वजह है कि महंत हरि गिरी ने एक बार फिर से महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड मामले की जांच की मांग केंद्र और प्रदेश सरकार से की है. उन्होंने आशंका जताई कि महंत नरेंद्र गिरी की हत्या की गई हो और उसे आत्महत्या का रूप दे दिया गया.
जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी का साफ कहना है कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के जो दोषी हैं वो खुलेआम घूम रहे हैं. उन्हें सजा नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच से भी सच सामने नहीं आया है. उनका साफ कहना है कि इस घटना की पुनः सही ढंग से जांच होनी चाहिए, जिससे पता चले कि नरेंद्र गिरी की मौत कैसे हुई. जबकि, सीबीआई की तरफ से महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले की जांच कर उनकी मौत की वजह सुसाइड बताई जा चुकी है. साथ ही सीबीआई द्वारा उन्हें सुसाइड के लिए उकसाने का आरोपी आनंद गिरी को बताते हुए कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है. लेकिन, वारदात के करीब दो साल बाद एक बार महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड और सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े करके अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी ने उस केस को चर्चा में ला दिया है. साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करवाने की मांग प्रदेश और केंद्र सरकार से करके सीबीआई जांच को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी ने कहा कि वो महंत नरेंद्र गिरी के साथ 2001 से जुड़े हुए थे. इतने लंबे समय तक वो उनके साथ मिलकर काम करते रहे हैं. जिस वजह से वो उनके बारे में बहुत अच्छे से जानते थे. उनका कहना है कि महंत नरेंद्र गिरी बब्बर शेर की तरह सोच रखने वाले वीर व्यक्ति थे. वो इतने बहादुर थे कि आत्महत्या जैसा कदम उठा ही नहीं सकते थे. इसी वजह से उनकी मौत के दिन से लेकर आज तक उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड किया होगा. यही कारण है कि वो प्रदेश और केंद्र सरकार से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले की पुनः गंभीरता के साथ जांच किए जाने की मांग उठा रहे हैं. उनका मानना है कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के दोषी लोग आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. इनको सजा मिलनी बहुत जरूरी है. इसलिए सरकार से उन्होंने पूरे मामले की पुनः जांच करवाए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि अभी तक जो जांच हुई है और उसमें उनके सुसाइड किए जाने की बात कही गई है, उस पर उन्हें बिल्कुल भरोसा नहीं है.

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