सफेद बाघ के कुनबे को बढ़ाने की तैयारी में जुटा चिड़ियाघर प्रबंधन, टीपू से बंधी आस,सफेद बाघों का कुनबा बढ़ाने की कोशिशें हुई लेकिन सफलता नहीं मिली। अब फिर से उम्मीद बढ़ गई हैं

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रीवा(kundeshwartimes)- महाराजा मार्तंड सिंह जू देव व्हाइट टाइगर सफारी प्रबंध एक बार फिर सफेद बाघों के कुनबा बढ़ाने की तैयारी में जुट गया है। सोनम से मिली असफलता के बाद अब प्रबंधन दिल्ली से आए सफेद बाघ टीपू से काफी उम्मीद लगा बैठा है।

एक ही बाड़े के आसपास रखा

यही कारण है कि अब चिड़ियाघर प्रबंधन सफेद बाघ व टीपू को एक ही बाड़े के आसपास रख रहे हैं । जिसके चलते सफेद बाघों में आपस में आकर्षण हो सके और सफेद बाघों की संख्या में इजाफा हो सके।ज्ञात हो कि मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़ियाघर में लंबे समय के बाद सफेद बाघ की वापसी हुई। विंध्या से शुरुआत हुई। यहां कई सफेद बाघ लाए गए लेकिन कइयों ने दम तोड़ दिया।

नहीं मिली सफलता

यहां सफेद बाघों का कुनबा बढ़ाने की कोशिशें हुई लेकिन सफलता नहीं मिली। अब फिर से उम्मीद बढ़ गई हैं। दिल्ली से आया सफेद बाघ टीपू प्रबंधन की उम्मीदवारों पर खरा उतरा तो आने वाले समय में यहां बाघों का कुनबा बढऩा तय है। प्रबंधन तैयारियों में जुट गया है। जल्द ही दो यलो टाइगर के साथ टीपू के बीच मेटिंग कराई जाएगी। यलो टाइगर पर प्रबंधन नजर रख रहा है। जब वह इसके लिए सक्षम होंगी। इसके बाद इनके बीच आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इसलिए बंधी है उम्मीद

दिल्ली से लाया गया सफेद बाघ टीपू से प्रबंधन को काफी उम्मीद हैं। दिल्ली में भी टीपू बाघों का कुनबा बढ़ा चुका है। कई शावक जन्में थे। यही वजह है कि टीपू को विशेष रूप से मेटिंग के लिए ही तैयार किया जा रहा है। टीपू अभी वयस्क है इसलिए इससे प्रबंधन को भी काफी उम्मीदें बधी हुई हैं।

सफेद बाघ सोनम हो गई फेल

मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़‍ियाघर में सफेद मादा बाघ सोनम और नर बाघ रघू भी हैं लेकिन यह कुनबा नहीं बढ़ा पा रहे हैं। सोनम और रघू अब सिर्फ पर्यटकों को लुभाने के काम आएंगे। सोनम से प्रबंधन को उम्मीद थी, लेकिन वह इसमें फेल हो गई। सोनम हालांकि अभी सिर्फ 5.5साल की ही है लेकिन प्रजनन से जुड़ी समस्या के कारण सोनम गर्भवती नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि अब बंगाल टाइगटर और सफेद बाघ के बीच में मेटिंग की तैयारी है।

मादा बाघ की थी कमी

चिडिय़ाघर प्रबंधन के पास ब्रीडिंग के लिए नर बाघ तो थे लेकिन मादा बाघ की कमी थी। यही वजह है कि ब्रीडिंग सेंटर की शुरुआत भी नहीं हो पा रही थी। टीपू के आने के बाद अब वन्या और शक्ति को भी तैयार किया जा रहा है। शक्ति और वन्या तीन साल से ऊपर की हो गई है। प्रजनन के लिए मादा बाघ को कम से कम ढ़ाई से तीन साल तक का होना अनिवार्य है। ढाई साल के बाद ही मादा बाघ प्रजनन के लिए तैयार हो पाती हैं।

इनका कहना

सफेद बाघ टीपू और वन्या, शक्ति को आसपास के बाड़े में रख गया है। तीनों के बीच में आकर्षण बढ़ेगा। इसके बाद ही साथ में छोड़ा जाएगा। अभी तैयारियां चल रही हैं।

डॉ राजेश तोमर,चिकित्सक, मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़‍ियाघर मुकुंदपुर

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