पटवारी के साथ छीना झपटी जान से मारने की दी धमकी                                                             थाना थांदला में एफआईआर दर्ज थांदला, मेघनगर पटवारी संघ हुवे एकजुट

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पटवारी के साथ छीना झपटी जान से मारने की दी धमकी                                                             थाना थांदला में एफआईआर दर्ज

थांदला, मेघनगर पटवारी संघ हुवे एकजुट

 

मनीष वाघेला

थांदला पटवारी राजस्व विभाग का विशिष्ट कर्मचारी होता है इन्हें विभिन्न स्थानों पर अलग, अलग नामो से जाना जाता है जैसे पटेल, कारनाम,शानबोगरु यह शासन-प्रशासन के ग्रामीण क्षेत्रो में सरकार का प्रशासनिक पद होता है अर्थात वह सरकारी कर्मचारी जो गाँव की ज़मीन, उपज, लगान आदि का हिसाब, किताब रखता है उसके साथ यदि किसी तरह की मारपीट या अप्रिय घटना घटित होती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण मानी जावेगी ऐसा ही मामला थांदला नगर के समीप ग्राम तलावली में घटित हुवा जहाँ दो व्यक्तियों द्वारा पटवारी के साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी गई घटना की जानकारी मिलते ही थांदला, मेघनगर के समस्त पटवारियों ने मिलकर अपने अधिकारी के आदेश पर थाना थांदला में एफआईआर दर्ज करवाई।

जानकारी अनुसार पटवारी कमलसिंह नायक शासकीय कार्य अनुरूप ग्राम तलावली में गये थे जहाँ पटवारी हल्का नंबर 24 में भूमि का मौका निरीक्षण कर

मेड कायम करने का आवेदन प्राप्त हुवा था उक्त भूमि की ।मोके पर मेड कायम नही होने से जांच हेतु गये थे शासकीय कार्य मे मशगूल पटवारी साहेब अपना कार्य कर रहे थे तभी ग्राम के दो व्यक्ति धर्मेंद्र राजपूत, पप्पू चौहान ने खेत पर आ कर पटवारी के साथ गाली, गलौच कर अभद्र व्यवहार कर जान से मारने की धमकी दी इस दरमियान पटवारी के बस्ते से कागजात बिखर कर ज़मीन पर गिर गये उन्ही में ग्राम का नक्शा भी फट गया।

समस्त पटवारी द्वारा थाना थांदला में दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई पुलिस ने धारा 294,353,332,186,427,34,427 के तहत मामला दर्ज किया है। उक्त घटना से नाराज़ वरिष्ठ पटवारी महेश गढ़वाल, आनंद मेडा (अध्यक्ष मेघनगर),महेश बैरागी, कैलाश डामोर, जयदेव सोलंकी, सिरिल डामोर, वागुसिंह भूरिया,

असरफ कादरी (अध्यक्ष थांदला) ,पंकज डामोर, दिलीप भूरिया, मुकेश डामोर, रंजीत बिलवाल, विनय परमार, सालम जमरा ने एक स्वर में अपनी नाराजगी जाहिर की व कहा कि अगर आरोपी पर कार्यवाही नही होती है तो समस्त पटवारी कलम बंध हड़ताल पर जावेगे।

बहरहाल जो भी हो आदिवासी बाहुल्य जिले में आज भी जर, जोरू, ज़मीन के बेड़ियों में जकड़ा यहाँ का वासिन्दा कब, कहा क्या कर दे कुछ कहा नही जा सकता खेर पटवारी के साथ जो कुछ भी हुवा वो ठीक नही है क्योंकि इसके पूर्व भी अनेको बार पटवारी के साथ ऐसी घटना घटित हो चुकी है हम तो चाहते है कि इसकी पुनरावृत्ति ना हो पटवारी को न्याय मिले एवम स्थानीय प्रशासन ऐसे विशिष्ट कर्मचारी के जान माल की हिफाज़त में कड़े कानून बनावे।

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