वाहनों से हादसों का खतरा , पुलिस और आरटीओ अधिकारी मौन* पटेरा और कुम्हारी थाना की सीमाओ से गुजरते हैं ओवरलोड वाहन / कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह- कटनी के पटेरा, कुम्हारी क्षेत्र की सड़कों पर ओवरलोड वाहन यमदूत बनकर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं जिसके चलते आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं। लेकिन जिम्मेदार महकमों द्वारा यमदूत बनकर दौड़ते इन ओवरलोड वाहनों पर लगाम कसने के बजाए उनकी अनदेखी की जा रही है और वाहनों की ओवरलोडिंग एक बहुत बड़ी समस्या है और क्षेत्र में ऐसे ओवरलोड वाहन सरेआम बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन पर कोई नकेल नहीं कसी जाती, जबकि पुलिस और आरटीओ विभाग की आंखों के सामने दौड़ते यह ओवरलोड लोगों के लिए उनकी जान का खतरा बने हुए हैं।लेकिन यह ओवरलोड वाहन लोगों को तो नजर आ जाते हैं लेकिन पुलिस और आरटीओ विभाग को क्यों नहीं दिखाई देते, यह एक बड़ा सवाल है। ओवरलोडिंग के कारण पटेरा क्षेत्र में आए दिन कोई न कोई बड़ा हादसा हो जाता है। लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती और न ही इनसे कोई सबक सीखा जाता। इसमें समाज और पुलिस दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। क्योंकि आम लोग इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते और पुलिस अधिकारी या आरटीओ डिपार्टमेंट इनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं करता। यहीं कारण है कि यह ओवरलोड वाहन बिना किसी डर के सड़कों पर दौड़ते हैं।ओवरलोडिंग के कारण वाहनों को धीमी गति से चलाना पड़ता है। दूसरे वाहन को ओवरटेक करने में भी समस्या आती है। जिससे पहले ही लोग बेहद परेशान हैं। ओवरलोड वाहन अनियंत्रित होकर कई बार पलट चुके हैं और उनमें सवार लोगों के अलावा आसपास से गुजरने वाले भी घायल हो चुके हैं।ज्यादातर लोग ओवरलोड वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं और हादसे हो जाते हैं। ऐसे कई हादसे इलाके में हो भी चुके हैं।वहीं, क्षेत्र में इमारतों के निर्माण हो या कच्चा माल इधर उधर पहुंचाना हो हर वाहन ओवरलोड सामान लेकर चलता है पटेरा, कुमहरी माइनिंग वाले ट्रक, गिट्टी डंफर, सबसे ज्यादा ओवरलोड होकर चलते हैं। वहीं ऑटो चालक भी ज्यादा सवारियां लादकर कर चलते हैं और ऑटो चालक के पास सीधा देखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। पीछे से या साइडों से आने वाले वाहन उन्हें दिखाई नहीं देते। इस कारण यह ऑटो चालक एकदम ऑटो को कहीं भी मोड़ देते हैं और बिना देखे कहीं भी ब्रेक मार देते हैं। यहां तक कि ओवरलोड वाहनों की चपेट में आकर कई व्यक्ति जान भी गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी इन वाहनों पर शिकंजा कस पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। गिट्टी, रेत,भूसा के ओवरलोड डंपर पर पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी मेहरबान है। इन ओवरलोड वाहनों से किसी तरह का हादसा होने के बाद ही अधिकारी हरकत में आते हैं। एक या दो दिन अभियान चलाने के बाद फिर हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाते हैं।ऐसे वाहनों के चक्कर में सड़कों पर आएदिन जाम लगता है।

क्षेत्र वासियों का आरोप –
ओवरलोडिंग में शामिल ऐसे वाहन चालकों को ओवरलोड रोकने वाले महकमों का पूरा संरक्षण मिल रहा है और इसके एवज में उनकी चांदी कट रही है। जिससे उनके द्वारा ओवरलोडिंग में शामिल वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसको लेकर जनता में बेहद आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से ओवरलोडिंग में लिप्त वाहनों के खिलाफ ठोस कार्रवाही किए जाने की मांग की है।

जब इस संबंध में दमोह एसपी डी.आर.तेनीवार से बात की तो उनका कहना है कि आपके द्वारा दी गई जानकारी को मैं दिखाता हूं अगर ऐसा है तो कार्यवाही की जाएगी

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