*जांगूपुरा मे 9 लाख की कागजों में बनादी नाली ,मोके स्थल पर कुछ नहीं* सचिव , रोजगार सहायक एवं उपयंत्री ने मिल लाखो का किया घुटाला / कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह – बटियागढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत जागूपुरा के ग्राम शाहपुर में स्कूल से गजराज के घर की ओर नाली निर्माण कार्य किया गया है लेकिन मोके स्थल पर नाली निर्माण नहीं है सचिव रोजगार सहायक एवं उपयंत्री की मिलीभगत से नाली निर्माण को सिर्फ कागजों पर ही बना दिया ऐसे ग्राम पंचायत कर्मियों की करतूत फर्जी बिल लगाकर कर लेते हैं राशि आहरण मौके स्थल पर नहीं मिलते कार्य पंचायतों में ज्यादातर कार्य ऐसे होते हैं जो सिर्फ पोर्टल पर दिखाई देते हैं लेकिन जमीनी स्थल पर जाकर देखा जाए तो वहां कार्य नहीं मिलते हैं और उन कार्यों की राशि भी निकाली जाती है शासन पंचायतों में विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए खर्चे करती है जिससे पंचायत के लोगों को हर एक सुविधा उपलब्ध हो सके लेकिन सिस्टम कुछ और ही चलता है सरपंच सचिव अपने उच्च अधिकारियों से मिलकर उस राशि का दुरुपयोग करके राशि निकाल लेते हैं और कागजों पर कार्यों को दर्शा कर हिस्सेदारी बना लेते हैं ऐसा ही मामला

अन्य ग्राम पंचायतों में जमके भ्रष्टाचार चल रहा है बटियागढ़ की पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है ग्राम पंचायत में कई निर्माण कार्यों के लिए राशि निकाली गई लेकिन कार्य ही नहीं किए गए यदि निर्माण किया गया तो वह बहुत ही घटिया किसम के निर्माण किए गए सीसी निर्माण खकरी निर्माण बाउंंड्री निर्माण कन्टू टेेंच , नाली निर्माण, आदि निर्माण कार्य किए गए और ग्राम पंचायत जागूपुरा में जेसीबी मशीन से कार्य करवा दिये कई निर्माण और मजदूरों को कागजों पर कार्य दिया गया और मौके स्थल पर एक भी मजदूर नहीं मिलता और फर्जी डिमांड डालकर राशि आहरण की गई ग्राम पंचायतों में बहुत ही भ्रष्टाचार किया जा रहा है क्योंकि मजदूरों के नाम से मस्टर डालकर ग्राम पंचायत जागूपुरा राशि निकाली जा रही है और मौके पे काम ही नहीं है अब सवाल यह उठता है कि जब नाली निर्माण का काम ही नहीं हुआ तो मजदूरों ने काम कहा किया

लेकिन मौके स्थल पर एक भी मजदूर मजदूरी नहीं कर रहा है फर्जी डिमांड डालकर मजदूरों के नाम पर निकाली जा रही है राशि सचिव एवं रोजगार सहायक मौका का फायदा उठा रहे हैं ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी प्रथा चालू हो गई है सब का अपना कमीशन होने से ठेकेदारी प्रथा फल फूल रही है

क्योंकि सचिव , रोजगार सहायक भ्रष्टाचार में कहीं कसर नहीं छोड़ रहे हैं ग्राम पंचायत में जो विकास कार्य हो रहे हैं उनकी राशि लगातार आहरण की जा रही है जो मनरेगा योजना के तहत कार्य किए जा रहे हैं ग्राम पंचायत में मजदूरों का उपयोग उनके खातों में पैसे डाल कर उनके फिंगर लगवा कर पैसे निकालने का कार्य है लेकिन इनमें से भी कई मजदूर ऐसे हैं जिन्हें पता नहीं है उनका खाता कहां खुला है और किस बैंक में खुला है लेकिन उनके नाम से लगातार मजदूरी मस्टर डाले जा रहे हैं और राशि निकाली जा रही है

कई खाताधारक के सिर्फ नाम है लेकिन खाता नंबर किसी और व्यक्ति के हैं ऐसे कियोस्क बैंक के संचालक द्वारा खाते खोले जा रहे हैं कुछ खाते फिनो बैंक के द्वारा भी खोले गए हैं जिनमें खाते धारक को पता नहीं है उसका खाता कब खुला और कहां खुला इन खातों के माध्यम से ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक एवं उपयंत्री की मिलीभगत से उनकी राशि को निकाला जाता है और भ्रष्टाचार किया जाता है अगर ग्राम पंचायत के मजदूरों की जांच करवाई जाए तो कई मजदूर ऐसे मिलेंगे कि जिन्होंने कभी काम किया ही नहीं किया ना ही उन्हें पता है कि खाता उनका मजदूरी में चल रहा है ग्राम पंचायत में सरपंच द्वारा ठेकेदारी पर कार्य करवाया जा रहा है मौका स्थल पर एक भी मजदूर कार्य नहीं कर रहा है सिर्फ मास्टरों में डिमांड डाली जा रही है एवं बटियागढ़ जनपद पंचायत के अधिकारी वहीं से खानापूर्ति कर देते हैं और मोके स्थल पर निरीक्षण करनेे नहीं आते इसलिए सचिव सरपंच एवं उपयंत्री की मिलीभगत से शासन को चूना लगाया जा रहा है एवं उपयंत्री भी ग्राम पंचायत की मौके स्थल पर जांच करने नहीं जाते हैं

क्योंकि उनकी खानापूर्ति जनपद में ही हो जाती हैं और ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत बटियागढ़ के अधिकारियों की मिलीभगत से हर ग्राम पंचायतों में फर्जी डिमांड डालकर राशि आहरण की जा रही है चाहे वह कोई भी निर्माण कार्य हो हर एक निर्माण कार्य में भ्रष्टाचारी के अलावा और कुछ नहीं हो रहा है और जनपद बटियागढ़ के अधिकारी चुप्पी साधे हुए बैठे हैं और शासन का पैसा पानी की तरह ग्राम पंचायत में बहा दिया जाता है और वरिष्ठ अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं देते हैं कई बार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित भी होती हैं लेकिन वरिष्ठ अधिकारी नजरअंदाज कर देते हैं इसी बात को लेकर सचिव सरपंच एवं रोजगार सहायक के हौसले बुलंद हो चुके हैं क्योंकि जनपद पंचायत बटियागढ़ के अधिकारी मौके स्थल का निरीक्षण करने नहीं जाते हैं कि निर्माण कार्य कैसा चल रहा है और कितने मजदूर मजदूरी कर रहे हैं क्योंकि नीचे से लेकर ऊपर तक सब अधिकारियों की खानापूर्ति हो जाती है इसलिए वह ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास नहीं किया जाता और ना ही कोई कार्यवाही की जाती

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